शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

aaj ki gazal

ताउम्र बस यही तो सोचता रहा हूँ मैं ,
किस- किस की मज़िलों का रास्ता बना हूँ मैं.

शायद निकल पाऊँगा  खारों के बीच से,
खुशबू तेरे अहसास  के नीचे दबा हूँ मैं.

कश्ती  के रुख से मैं नहीं वाकिफ ये झूठ है,
दरिया से दूर हूँ तो क्या आखिर हवा हूँ मैं .

बरसूँगा कभी आज जो बरसा नहीं तो क्या,
अक्सर मुझे लगा है के शायद घटा हूँ मैं.

महसूस हो रहा है मेरा जिस्म मुझे क्यों ,
क्या तोतली जुबान में कुछ कह गया हूँ मैं.

गुरुवार, 15 सितंबर 2011

aaj ki gazal

ये जहाँ पहले उसे यूँ याद कर लेता तो था ,
वो धुंएँ के साथ थोड़ी रोशनी    देता तो था.

झील में खिलते कँवल पर भोर की अंगड़ाइयां,
मैंने ये मंज़र किसी की आंख में देखा तो था.

लाख था दुश्मन  मगर ये कम नहीं था दोस्तों ,
बद्दुआओं के बहाने नाम वो लेता तो था .

वक्त है जो आज मेरी प्यास अनजानी लगी,
यूँ तो मैं दरिया तेरी लहरों के संग खेला तो था.

मैं यहाँ पर किस तरह हूँ ये बताने के लिए ,
एक  टूटा पर तुम्हरे सामने फेंका तो था.

और अपनी नींद की खातिर मैं क्या क्या बेचता ,
इक सुनहरा ख्याब कल की रत फिर बेंचा तो था.
     by pramod tewari

मंगलवार, 6 सितंबर 2011

मीडिया, बंगला और शिक्षा इस शहर की कशमीर समस्या है

  कल कानपुर के डीआईजी के सामने एक छात्रा  ने डी  ऐ वी ट्रस्ट के सचिव नागेन्द्र स्वरुप  की लिखित शिकायत की. शिकायत थी बंगाली लड़की के प्रवेश के लिए पैसे मांगने की , भ्रष्टाचार की . उस समय शहर  के हर अखबार के रिपोर्टर  डीआईजी आफिस में  मौजूद  थे. सबने छात्रा की फोटो खींची , बयांन  लिए लेकिन आज सुबह के किसी भी अख़बार में एक लाइन नहीं छापी. एक बार फिर साबित हुआ कानपुर का मीडिया  बंगले का बिकाऊ है...? मीडिया, बंगला और शिक्षा इस शहर की कशमीर समस्या है ...? लड़की का नाम है - लिजा बनर्जी.  इस लड़की  की शिकायत लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य  संतोष द्विवेदी डीआई जी के पास गए थे .  अपने साथ दो दर्जन नेताओं को भी साथ ले गए थे. ये लड़की हफ्ते भर से  भटक रही है. उसे फोन पर लगातार धमकियाँ मिल रही  हैं. कुछ  नहीं हो पा  रहा .                                            हेलो संवाददाता