शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

नारद डाट कॉम

धन्य है प्रभू!

दुनिया में कुछ लोगों को ऊपर वाला अपने हाथों से गढ़  कर भेजता है। ऐसे लोग जब धरती पर अवतरित होते हैं तो कुछ न कुछ ऐसा करते हैं कि ईश्वर भी अपनी कारीगरी पर मुग्ध होता होगा। मिजोरम राज्य के गांव वाक्तवांग के रहने वाले चाना उस्ताद परमपिता परमात्मा की अदभुत कृति हैं। आज जहां दुनिया के अधिकांश लोग एक पत्नीधारी हैं और उसी में बोंय बोली जा रही हैं तब उनकी ३९ बीवियां हैं जिनसे ९४ बच्चे भी हैं। यहां उन्होंने परिवार नियोजन का पूरा ख्याल रखा है एक बीवी से दो या तीन उत्पाद ही किये हैं।
     उनके बच्चों ने भी अपने पिता के आदर्शों का पूरा ख्याल रखा है मात्र वो भी ३३ बच्चों के उत्पादनकर्ता बन बैठे हैं। याना गुरु का ये महान कार्य हम सड़हे लोगों को एक नहीं बल्कि कई सन्देश देता है। पहला बीवी से सताये लोगों के लिये है जिनसे एक नहीं सम्भल रही, वहां पूरी ३९ एक ही धागे से बंधी हुई हैं और तो और उन्होंने अभी भी हार नहीं मानी है। ४०वीं भी रखना चाहते हैं।
     उसके लिये अमेरिका तक की यात्रा करने को सहर्ष तैयार हैं। दूसरा उन लोगों के लिये है जो सिर्फ २-३ बच्चे पैदा करने के बाद हांफने लगते हैं। यहां ९४ के बाद भी दम उखडऩे का नाम नहीं ले रहा है। तीसरा उन लोगों के लिये है जो एक के अलावा भी औरत रखते हैं। इनके यहां हमेशा कलह बनी रहती है।
      इसके उलट यहां पूरी ३९ औरतें पूरे प्रेम-भाव के साथ रहती हैं। चाना की कुछ और खूबियां भी हैं। उन्होंने एक साल में अधिकतम १० शादियां की हैं और सबसे लेटेस्ट वाली को अपने साथ सुलाते हैं। इस समय चाना की सबसे युवा पत्नी की उम्र ३५ साल है। ३९ में से चाना के साथ कौन सोयेगी इसका फैसला आपसी समझ से होता है। कुल मिलाकर काम एक दम ठीक चल रहा है। अगर इसके बाद भी आपकी अक्ल ठीक से काम नहीं कर रही है तो आपका खुदा मालिक।
दोस्ती!

अच्छे दोस्त नमक की तरह होते हैं जिन्दगी में उनकी मौजूदगी का ख्याल भले न रहे लेकिन उनकी नामौजूदगी से हर चीज बेस्वाद हो जाती है।1

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