सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

नारद डॉट कॉम

ये हो क्या रहा है

पूरा उत्तर प्रदेश इन दिनों बलात्कार की चपेट में है. टीवी से लगाकर अखबार तक इन्हीं खबरों से भरे पड़े हैं. सदन में भी यही बातें हो रही हैं. सपा नेता शिवपाल रेप और बलात्कार में फर्क नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें लगता है कि इटावा में जो कुछ हो रहा है वह बलात्कार है और लखनऊ में वही रेप बन जाता है. छोटे नेता जी की इस नादानी पर खूब हंसे लोग और तो और बहिन जी को शाल में मुंह छुपाकर हंसना पड़ा. अब ऐसे विद्वान लोग देश प्रदेश की सत्ता सम्भालना चाहते हैं ये तो गरीब जनता के साथ रेप है. खैर छोडिय़े इस देश के लोग तो सहने के मामले में फीमेल गधे से कई हाथ आगे हैं. मेरे एक मित्र इन बलात्कारों के पीछे मौसम को दोषी मानते हैं. उनका मानना है कि बसन्त में इन्सान बौरा जाता है. उसका ये पागलपन होली तक चलता है. नवरात्र में सब ठीक हो जायेगा. पुराने खलीफा लोग इस हरजाई मौसम के लिये लोगों को पहले भी आगाह कर चुके हैं. उन्होंने साफ शब्दों में चेताया है कि ये सीजन बहुत खतरनाक होता है. इसमें बाबा भी देवर जैसा आचरण करने लगते हैं और देवरों का तो और बुरा हाल हो जाता है. मेरे एक और मित्र इस छिनरपन के लिये अंगूर की बेटी को दोषी मानते हैं. उनकी राय में गांव-गांव खुल रही मदिरा की दुकानों ने इस काम को बढ़ाने में आग में घी का काम किया है. वैज्ञानिक भी यही कहते हैं कि अंगूर की बेटी अन्दर होने के बाद लंगूर की बेटी भी भौजाई लगने लगती है. बसपाईयों का नजरिया इसके बारे में एक दम जुदा है. वो मानते हैं कि सपा में इसके दो गुने रेप होते थे लेकिन मुकदमा ही दर्ज नहीं किया जाता था. समाज सुधारकों का मानना है कि इसके लिये बाबा रामदेव दोषी हैं. पहले से मौजूद ८४ आसन कोई कम थोड़े थे जो और सिखा रहे हैं. इस मामले में सबकी अपनी-अपनी राय है. इस बारे में आप क्या सोचते हैं ये आप जानें.
एक बात
नये पुलिस अफसरों ने मातहतों को जमकर ज्ञान बांटा है. लोगों का मानना है कि गीता में अर्जुन को सीख देने वाले भगवान श्रीकृष्ण भी इन्हें नहीं सुधार  सकते.1

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