शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

मैडम की अनदेखी

मैडम की अनदेखी
विशेष संवाददाता

 इस उम्मीद के साथ कि शायद मैडम की नजर इस बोर्ड में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखे बकायेदारों की सूची पर भी पड़ जाये और मैडम इन बकायेदारों से वसूली के लिये  अपनी 'डिसीजन आन स्पाटÓ की पुरानी शैली में ही कोई फरमान जारी कर दें।

सूबे की मुखिया मायावती के कानपुर दौरे में उनकी अगवानी के लिये पूरे कलक्ट्रेट परिसर को रंगाई-पुताई मरम्मत के साथ चकाचक करा गया इस भय से कि मैडम को कहीं कोई कमी न दिखे जिसका खामियाजा अधिकारियों या कर्मचारियों को भुगतना पड़े। इसी रंग-रोगन के बीच तहसीलदार कार्यालय के बाहर टंगी बड़े बकायेदारों के सूची बोर्ड को भी रंगा-पुताकर दोबारा टांगा गया था। इस उम्मीद के साथ कि शायद मैडम की नजर इस बोर्ड में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखे बकायेदारों की सूची पर भी पड़ जाये और मैडम इन बकायेदारों से वसूली के लिये  अपनी 'डिसीजन आन स्पाट  की पुरानी शैली में ही कोई फरमान जारी कर दें।
मैडम ने शहर का अपना तूफानी दौरा किया और कलेक्ट्रेट भी पहुंची। पूरे कलेक्ट्रेट का बाकायदा घूमकर मुआयना भी किया। इतना ही नहीं कलेक्ट्रेट में वर्षों से दबी तमाम फाइलें भी देखने के लिये मंगाई जो कि विभागीय कर्मचारियों ने बड़े जतन और जोड़-जुगाड़ से लगभग दफना ही दी थी।
इन फाइलों को देखने के बाद मैडम ने जिम्मेदार लोगों को जमकर खरी खोटी भी सुनाई।  कई लोग तो केवल इस खरी-खोटी भर में ही निपटे और कई लोग बाकायदा निपट ही गये। जहां तक बात मैडम माया की है तो अभी हाल के तमाम जिलों के दौरों के दौरान और इसके अलावा भी वे समय-समय पर आलाप्रशासनिक अधिकारियों को वसूली के लिये सख्त हिदायत देती रही हैं। इस पूरे दौरे और कलेक्ट्रेट परिक्रमा के दौरान यह बोर्ड भी मैडम के रास्ते में ही पड़ा लेकिन छोटी-छोटी फाइलों में महीन-महीन कमियां ढूंढ निकालने वाली माया मैडम को न तो यह बोर्ड ही दिखा और न ही इस पर लिखी बकायेदारों की लम्बी फेहरिस्त जिनमें उनके अपने ही तमाम विभाग शामिल हैं। इतना ही नहीं इनमें से तमाम ऐसे विभाग भी हैं जो करों के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये भी वसूलते हैं और उनके खातों में बकाये की आवश्यक रकम से कहीं ज्यादा हर समय मौजूद रहती है और ये विभाग जब चाहे यह बकाया अविलम्ब अदा भी कर सकते हैं। पर ऐसा है नहीं। इसके पीछे इन विभागों की लापरवाह नीयत भी दोषी है क्योंकि अगर ऐसा न होता तो इन विभागों का नाम और उस पर बकाया धन की फेहरिस्त बकायेदारों की सूची में चस्पा न होती। 1

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