शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

प्रथम पुरुष

औपचारिकता नहीं सार्थक प्रयासों से मिलेगी रोगों से निजात

संक्रामक रोगों का उन्मूलन करने के आधे अधूरे एवं अंश कालीन उपायो के फलस्वरूप वे आजतक फैलती रहती है सैकड़ो की मृत्यु होती है हजारों बीमार पड़े रहते है उनको जड़ से उखाडऩे के उपाय है परन्तु हम लीपा पोती करके सन्तुष्ट हो जाते हैं।
१. मलेरिया - हम कहते रहे मच्छर रहेगें मलेरिया नहीं रहेगा परन्तु नहीं माना कि जब तक मच्छर रहेंगे मलेरिया भी रहेगा डेंगू भी रहेगा उतएव पानी नालियों में गड्ढों में इक_ा न हो इसके उपाय नहीं किया पानी निकासी को मलेरिया प्रोग्राम से नहीं जोड़ा उनको पैदा होने के लिए अवसर मिलेगा तो वे पैदा होगें और मलेरिया फैलायेगें डेंगू भी बिना अच्छे डे्रनेज सिस्टम के इनका उन्मूलन सम्भव नहीं है।
२. मस्तिष्क ज्वार- देश के तमाम ६ हिस्सो में यह होता है मुख्य कारण है बाढ़ का पानी इक_ा होना और उसमें उग रहे धान के खेतो में इसके वायरस का पनपना। इस रोग में मृत्यु का प्रमुख कारण सांस की नली का चोक हो जाना यदि बीमार को तुरन्त अस्पताल पहुंचा दे और उसकी नाक और मुंह को खुला रखने के लिए रेसजीरेटर लगा दे तो उसकी मृत्यु नहीं होगी यह उपकरण महंगा नहीं है परन्तु यह भी प्रात्येक स्वास्थ्य केन्द्र में उपलब्ध नहीं है। बाढ़ का पानी खेतों में न भरे इसकी कोई दीर्घ कालीन योजना नहीं है पिछले १०० वर्षों से भूल हो रही है
३. आयोडीन- आयोडीन की कमी से घेंघा होना यह भी बाढ़ से जुडा हुआ है क्यों कि फसलों से आयोडीन धुल जाता है केवल नमक में आयोडीन मिलाने से तो यह बीमारी मिटेगी नहीं बाढ़ पर नियंत्रण करना होगा जिनको इसकी कमी नही है उनको अधिक आयोडीन हानिकारक भी है।
४. कै, दस्त, पेंचिस (गैस्ट्रोइन्राईटिस) यह भी बाढ़ से एवं पानी भरने से जुड़ी है क्योंकि इनको फैलाने वाले कीटाणू पैदा होते है पनपते है जितनी भी बीमारियां पानी जनित है उनरकी रोक थाम के लिये अच्छी से अच्छी पानी निकालने की योजना आवयक है क्योंकि इस पानी में मल मूत्र भी मिल जाता है।
५. परिवार नियोजन-  २ से अधिक बच्चे होने दो फिर नसबन्दी करा दो। शादी हो जाने दो फिर परिवार नियोजन की शिक्षा देगें यह तो आग लगने दो फिर बुझायेगें बच्चो की स्कूलों में परिवार नियोजन के बारे में या अपने शरीर के अंगो के बारे में बताया जाये यह बहस वर्षों से चल रही है। कहने को तो हम  कहते है। लड़की पढ़ती है तो परिवार पढ़ता है इसी प्रकार यदि शादी से पहले लड़का लड़की परिवार नियोजन समझेगे तो उनके साथ-साथ उनके मां बाप भी समझेगें उनको अपना परिवार हम दो हमारे दो तक सीमित रखना पड़ेगा यदि वे उनका अच्छा पालन पोषण नहीं कर पायेंगे तो उनकी नजरो में गिर जायेंगे उनसे आंखे चुरायेगें। अतएव स्कूलों में यह शिक्षा आवश्यक है। सेक्स शिक्षा से लड़कियों को विशेष्ज्ञ कर लाभ होगा वे अपने ऊपर होने वाले बलात्कार (रेप) और शादी से पहले या बाद में होने वाले अनचाहे गर्भ को रोकने में सक्ष्म हो जायेगी।
चिकित्सा के लिये दूसरे देशों में जाना एक पर्यटन उद्योग भी विकसित हो रहा है। अमरीका में ४.६६ करोड़ नागरिको का चिकित्सा बीमा नहीं है। पिछले ५ वर्षो में बीमा की राशि ९' बढ़ गयी है। कैनडा और योरूप में शैल्य चिकित्सा के लिए लम्बे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है और दर्द सहना पड़ता है भारत दिन की बाईपास सर्जरी अमरीका में होने वाली का केवल ७.७' खर्च होता है इसी प्रकार कूल्हा बदलना २०'  है यात्रा (हवाई) खर्च ठहने का खर्च मिलाने के बाद भी बहुत सस्ता है। भारत अफरीका एवं दक्षिण ऐशिया के कई देशों में स्वास्थ्य कार्य करताओं की हुत कमी है भारत में १००० पर ६ अमरीका में २.५६ डाक्टर है चीन में १.५० भारत में टीबी, मलेरिया एड्स, कुष्टरोग एवं अन्य छूत छात वाली बीमारियों के बहुत रोगी है। शिशु मृत्यु दर अधिक एवं औसर उम्र कम है अतएव चिकित्सा क्षेत्र में काम कररे वालों की जरूरत के अनुपात में बहुत कमी है। भारत में निजी क्षेत्र में चिकित्सा पर ७.५' को आय से भी अधिक खर्च करना पड़ता है अमरीका में ४४.६' भारत में ७५' को आय से भी अधिक खर्च करना पड़ता है अमरीका में ४४.६' को अवएव निजी क्षेत्र में विदेशों से इलाज कराने वालों की संख्या बढ़ेगी फलस्वरूप चिकित्सा और महंगी होगी जिसका बोझ देश के नागरिक उठा नहीं पायेगे। अतएव सरकार को चिकित्सा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं एवं मूलभूत सुविधाओं की कमी पूरी करने के सभी उपाय करने होगे अन्यथा  हमारे देश के नागरिक चिकित्सा के अभाव में बीमार रहेगें और मरते रहेंगे। विदेशियों को भी सुविधा देनी है सरकार ऐसी चिकित्सा पर टैक्स लगा सकती है या इसे लाभ न कमाने का स्तर दे सकती है।1

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