सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

स्वयं को जाने बिना कुछ भी जान पाना संभव नहीं है

स्वयं को जाने बिना कुछ भी जान पाना संभव नहीं है

वह व्यक्ति जो वस्तुओं से पूरी तरह जुड़ा हुआ है उन्हें प्राप्त करने के लिये कभी न समाप्त होने वाले संघर्ष में लगा रहता है। इसी प्रकार वह व्यक्ति जो सामाजिक एवं एक वर्ग या ग्रुप से जुड़ा रहता है। कहता है जो सबके साथ होगा वह उसके साथ भी होगा। यह सोच उसे घोर अन्धकार में ले जाती है। वह व्यक्ति जो सुरक्षा और शरण चाहता है वह स्वयं को बचाने के लिये दूसरों पर निर्भर है। वह अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कभी नहीं करता। समझ लो तुह्मारी सुरक्षा तुह्मारे ही हाथ में है। सुरक्षा को असुरक्षा और असुरक्षा को सुरक्षा समझने की गलती न करो। यदि तुम स्वयं को अच्छे तरह से नहीं जानते हो तो तुम कही भी सुरक्षित नहीं हो। स्वास्थ्य, परिवार वस्तुएं स्वयं के तत्व से भिन्न हैं वे सुरक्षा नहीं दे सकती हैं। परम सुरक्षा तुह्मारे स्वयं के ज्ञान, दृष्टि, व्यवहार एवं आचरण में है। इस नियम को भुलाने से तुम को दुख होगा। चोट  लगेगी। दूसरे का व्यवहार इसका कारण नहीं है।
 अमरीका का एक व्यक्ति जो बहुत अमीर था उसने अचानक अपना सब कुछ बेंच दिया अपनी गाड़ी तक और साधु बन जाता है। इसने स्वयं के उत्थान  के लिये एक नयी प्रणाली बनायी कुछ सूचक बना कर।
१. गुलाब का दिल अर्थात केन्द्र- अपने मन को विकसित करो क्योंकि तुह्मारे विचार तुह्मारी जिन्दगी के गुण या अवगुण निर्धारित करते हैं।
२. बाग का लाइट हाउस- मकसद/ध्येय के लिये जिन्दा रहना ही जिन्दा रहने का ध्येय है इसको जाननना और करना ही जिन्दगी का पूरक है।
३. नकारात्मक विचारों को मिटा नहीं सकते हैं परन्तु उनके स्थान पर सकारात्मक विचार ला सकते हो।
पांच तरीके-
- क्या होगा तुह्मारे विचार से उसकी स्पष्ट दृष्टि।
- उत्साहित करने को दबाव बनाओ।
- लक्ष्य प्राप्ति के लिये समय की सीमा रक्खो।
- लक्ष्य को लिखो।
- २-१ दिन नियम के अनुसार नकारात्मक विचारों को स्थान से हटाओ।
४. सूमो पहलवान- 'काईजिनÓ का अभ्यास करो बाहर से दिखने वाली सफलता। विकास की शुरुआत अन्दर  होने वाले विकास। सफलता से होती है। १० कार्यकलापों का अभ्यास करो (अलग से बताये हैं।)
५. केबिल का तार- इच्छा शक्ति एवं अनुशासन तुमको अपना मालिक बनाता है तुम सबसे सरल रास्ता चुनने के बजाय वह करने की हिम्मत पैदा करते हो जो तुह्में करना चाहिये।
६. स्टोप बाच एवं आवर ग्लास-  समय के महत्व को जानो वह चलता रहता है उसका सदुपयोग करो प्राथमिकताएं निर्धारित करो।
- भरपूर आनन्द की जिन्दगी का रहस्य।
- वर्तमान को गले लगाओ अभी इसी पल में रहो।
- कुछ पाने के लिये खुशी का बलिदान न करो।
- प्रत्येक दिन इस प्रकार रहो जैसे वह अन्तिम दिन है। वही तुह्मारे वर्तमान को बचायेगा और प्रसन्नता देगा।
- बच्चों के बचपने की तरह रहो।
- कृतज्ञता का अभ्यास करो।
- अपना भाग्य स्वयं पैदा करो।
- जीवन का परमम लक्ष्य दूसरों की स्वार्थ रहित सेवा करना है। प्रत्येक दिन कुछ दो। दूसरों के जीवन को उठाओ, प्रत्येक दिन नम्रता का अभ्यास करो जो कोई भी मांगे दो, सम्बन्धों को उच्च स्तर एवं प्रगाढ़ बनाओ।1

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