शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

प्रथम पुरुष

विचारों से ही व्यवस्थित होता है जीवन


विचारों के महत्व को समझना ही जीवन कला है। क्योंकि विचारों के ही कारण हम अनुभव कहते हैं।  अनुभवों से हमारा दृष्टिकोण बनता है। दृष्टिकोण पर हमारा कर्म आधारित है। कर्म हमारी आदत डालता है। आदतें हमारा संस्कार निर्माण करते हैं। हमारे द्वारा जो सूचनाएं इक_ी की जाती हैं एवं हमारे जो विकास या धारणा है वही हमारा भाग्य बनाता है। प्रत्येक विचार हम स्वयं पैदा करते हैं वह न तो अपने आप आते हैं न ही और कोर्ई पैदा करता है।  विचार हर तरह की ऊर्जा पैदा करते हैं। पौजिटिव एवं निगेटिव यानी प्लस या माइनस। हम जैसे विचार पैदा करेंगे वैसी है। ऊर्जा पैदा होगी वैसी ही ऊर्जा दूसरों को देंगे। वही ऊर्जा उनसे हमें मिलेगी। यानी पौजिटिव देंगे तो पौजिटिव मिलेगी। निगेटिव देंगे तो निगेटिव। जहरीली यानी टौकसिस, नकारात्मक, समय नरूर करने वाले विचार निगेटिव  ऊर्जा पैदा करते हैं। जैसे क्रोध, घृणा, बदला लेने वाले, जलन पैदा करना, डरना, घबड़ाना, असफलता की भावना, अविश्वास करना, गप्प लड़ाना, टी.वी. या अखबार मे ऐसी सूचना पाना जिनमें हमारा विचार हित नहीं है। इसके विपरीत आवश्यक विचार, सकारात्मक विचार, आवश्यक विचार उच्चस्तर के विचार पौजिटिव ऊर्जा पैदा करते हैं। अतएव सही विचारों को पैदा करने का अभ्यास करें अर्थात किसी बात को बढ़ाकर न देंखे अविश्वास न करें। जिम्मेदारी लें दूसरे को दोष न दें। किसी भी निर्णय पर न कूदे, हमारे साथ ही ऐसा क्यों होता है। या ऐसा ही हमेशा क्यों है न सोचे नकारात्मक पहलू न ढूंढे।
विचारों में न उलझे। बुरे विचार को अच्छा साबित न करें। व्यक्तियों पर ठप्पा न लगायें, किसी मक्खी की तरह हमेशा गन्दगी पर ही ध्यान न दें।
आशावादी और सभी को बराबरी का समझने वाले विचार पैदा करें उच्च स्तर के विचार हैं। देश का भला शान्ति पैदा करना, सामाजिक एवं आध्यात्मिक। स्पष्ट है पौजिटिव गुणात्मक , विचार लाभदायक है। निगेटिव  नकारात्मक हानिकारक। हमारे विचार हमारे नरवस स्नायु तंत्र या प्रणाली पर भी असर डालते हैं। वे औटोनोमस सिस्टम यानी सिम्पैथिटिक एवं पैरा स्म्पिैथिटिक नरवस सिस्टम पर अपना प्रभाव डालते हैं। जिसके कारणहमारे ग्लान्डस से निकलने वाले हारमोन की मात्रा के रिसाव में कमी या अधिकता आती है।
हमारे विचार  इमीयून सिस्टम को भी प्रभावित करते हैं। जिससे रोग निरोधक शक्ति क्षीण होती है। विचार इन सब पर हाइपोथैलमस के माध्यम से अपना प्रभाव डालते हैं। परन्तु सीधे-सीधे भी असर कर सकते हैं।
यह सब सिस्टम हमारे आंतरिक अंगों और उनके कार्यों को संचालित करते हैं। उनके कार्यों को सन्तुलित रखते हैं। निगेटिव विचार उनके कार्यों को असन्तुलित करते हैं। यही कारण है कि स्वस्थ शरीर होते हुये भी हमें तमाम बीमारियां जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर, मानसिक रोग इत्यादि होते रहते हैं। अत: विचारों का महत्व अधिक है पौजिटिव विचार ही पैदा करें निगेटिव विचारों को रोकें आपको शान्ति और आनन्द मिलेगा।
आजकल खाद्य पदार्थों में मिलावट के प्रत्येक दिन समाचार आ रहे हैं। फलो में,शहद में, लगभग सभी खाने-पीने की चीजों में मिलावट हो रही है या उनको जल्द पका कर बेचने के लिये रसायनिक पदार्थ मिलाये जा रहे हैं क्योंकि हमारे नियम और सजा के प्राविधान बहुत कम हैं।
हमारे पास फल, सब्जी, मांस के तो कोई मानक भी नहीं हैं। अन्य खाद्य सामग्री में हम केवल बुकिंग मीडियम की जांच करते हैं। कोर्ट में भी यह साबित करना पड़ता है कि वह व्यक्ति के लिये हानिकारक है या नहीं। 1

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