शुक्रवार, 5 मार्च 2010

ये कुर्सी मैं नहीं छोड़ूंगा?

राजधानी ब्यूरो रमेश चन्द्र
लखनऊ। मायाराज में सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट के निर्देश नौकरशाहों के ठेंगे पर है. मुख्यमंत्री के चहेते अफसर नवनीत सहगल अदालत का निर्देश न मानकर पावर कारपोरेशन की सीएमडी की कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं. उन्होंने निर्देशों से बचने के लिए एक जुगत भी बना ली है.बिजली अभियंता के तबादले के एक प्रकरण में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जनवरी 2010 में बसपा सरकार को निर्देश दिया कि वह नवनीत सहगल से एक माह के भीतर सचिव ऊर्जा अथवा अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक में से एक पद हटा दे. अदालत के इस निर्देश से माना जा रहा था कि श्री सहगल जल्द ही सचिव ऊर्जा रहते हुए सीएमडी की कुर्सी छोड़ देंगे. हाईकोर्ट ने यह निर्देश इसलिए दिया था ताकि विभाग में अभियंताओं के तबादले बगैर पक्षपात के हो सकें. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विभाग में अभियंताओं के तबादले के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसमें सचिव ऊर्जा भी सदस्य होते हैं. नवनीत सहगल द्वारा सचिव ऊर्जा के साथ सीएमडी का पद धारण करने से तबादलों में पक्षपात होने की आशंका बनी हुई है.कारपोरेशन के सूत्रों के मुताबिक 25 जनवरी 2010 को हुई निदेशक मण्डल की बैठक में गुपचुप तरीके से सीएमडी व कारपोरेशन में तैनात अपर प्रबंध निदेशक के अधिकारों में परिवर्तन कर दिया गया है. इस फैसले में कहा गया है कि अब अभियंताओं के तबादले सीएमडी नहीं करेंगे. इनके नियुक्ति अधिकारी अपर प्रबंध निदेशक होंगे और वे ही अभियंताओं के तबादले करेंगे. फैसले में यह भी कहा गया है कि अभियंताओं के समकक्ष अधिकारियों के तबादले भी अपर प्रबंध निदेशक करेंगे. इस फैसले से वर्तमान में कारपोरेशन में अपर प्रबंध निदेशक को तबादले का अधिकार मिल गया है. सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश के पालन करने के बजाय सरकार अपना जवाब अदालत को भेजने की तैयारी कर रही है. नवनीत सहगल द्वारा सीएमडी की कुर्सी न छोडा जाना चर्चा का कारण बना हुआ है.इस मामले से विभाग के अभियंताओं में खासी नाराजगी व्याप्त हो गई है. अभियंताओं का कहना है कि सीएमडी के अधीन अपर प्रबंध निदेशक के रहने पर भी उनके तबादले बगैर पक्षपात के नहीं हो सकेंगे. भाजपा के पूर्व सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा ने इस प्रकरण पर कडी आपत्ति की है. उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व राज्यपाल बीएल जोशी को भेजे पत्र में इस प्रकरण की जांच कराने व नवनीत सहगल को एक ही पद पर रहने का निर्देश सरकार को देने की मांग की है.

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