शुक्रवार, 4 मार्च 2011

चौथा कोना

'हेलो कानपुर '
को मिला
'हेलो हिन्दुस्तान '


प्रमोद तिवारी
हम 'हेलो कानपुर' निकालकर खुश हैं। पिछले दिनों (२० फरवरी ) इन्दौर एक कवि सम्मेलन में जाना हुआ तो वहां 'हेलो हिन्दुस्तान' के दर्शन हुये। ठीक कानपुर की तरह इन्दौर में भी 'हेलो हिन्दुस्तान' करने वाला कोई और नहीं एक युवा पत्रकार ही निकला। नाम है प्रवीण शर्मा। व्यावसायिक वृतांत के अनुसार नई दुनिया समूह में शर्मा जी स्थानीय सम्पादक की कुर्सी पर थे। हटे या हटाये गये यह तो कहने-सुनने भर की गुंजाइश है पर नौकरी छोड़कर तिलमिलाये प्रवीण ने 'हेलो हिन्दुस्तान' के नाम से एक राष्ट्रीय पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया और चिकने-चिकने ६० पृष्ठों पर सारगर्भित सामग्री परोसकर ५ वर्ष पार कर लिये। मेरी तरह ही यह प्रगति के नाम पर नवीन समाचार यह है कि पिछले चार महीनों से हेलो हिन्दुस्तान के नाम से इन्दौर में सांध्य दैनिक की भी शुरुआत हो चुकी है। यह सब आपको इसलिये बता रहा हूं कि हेलो कानपुर (साप्ताहिकी) और सांध्य दैनिक बड़ा चौराहा का प्रकाशन भी कुछ इसी तरह की परिस्थितियों और 'पात्र' के जरिये हुआ था। मैं जिस कार्यक्रम (कवि सम्मेलन) में आमंत्रित था उसका आयोजक 'हेलो हिन्दुस्तान' ही था। शानदार स्वागत, जानदार कवि व शायर एवं दमदार प्रस्तुतियों से वाकई एसी 'काव्य वर्षा' हुई कि श्रोता ही नहीं कविबन्धु भी एक दूसरे को सुन व देखकर पानी-पानी हो गये। खुद मैं भी। कवि सम्मेलन से ज्यादा 'हेलो हिन्दुस्तान' की महिमा और गरिमा देखकर उसकी डायस पर मौजूद होकर। जहां तक अखबार व प्रकाशित सामग्री का प्रश्न है अपना 'हेलो कानपुर' किसी तरह से कमजोर नहीं है। लेकिन जिस व्यवस्थित ढंग से प्रवीण शर्मा अपना अभियान चला रहे हैं उससे उम्मीद लगती है कि हिन्दी में एक नया 'मीडिया ग्रुप' जन्म ले रहा है। प्रवीण के साथ इन्दौर के धनाढ्य, राजनीतिक और गणमान्य जन कंधे से कंधा मिलाये, मुस्कराते और दम बांधते-बंधाते मिले। जबकि हम कानपुर में 'हेलो...' करते-करते कांखे जा रहे हैं। अब ज्यादा क्या कहूं मेरे और प्रवीण के अभियान में साधन और सौजन्य में अगर अन्तर बताऊं तो फिलहाल यही  कह सकता हूं जितना अन्तर इन्दौर शहर और कानपुर शहर की व्यवस्था  में है उतना ही अन्तर हेलो हिन्दुस्तान और हेलो कानपुर की अवस्था में है। जबकि न तो इन्दौर से कम 'इन्द्र' कानपुर में हैं और न ही ईमानदार शब्द प्रहरी। फिर भी निराशा या हताशा होने की कोई बात नहीं है। क्योंकि अभी 'हेलो कानपुर' की 'हेलो' जारी है...।

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