शुक्रवार, 11 मार्च 2011

नारद डाट काम

शर्तिया इलाज

दुनिया में खासतौर पर अपने देश में इलाज की कई पद्धतियां हैं। अंग्रेजी डाक्टरों से लगाकर होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक, यूनानी और अब बाबा रामदेव भी पुराने स्टीम इंजन की तरह छीं छीं करते हुये लोगों की सेहत बना रहे हैं। झोलाछाप डाक्टरों की अपनी एक निराली दुनिया है उनका तर्क है चाहें किसी पैथी का डाक्टर आपको मारे पहुंचते सभी खुदागंज ही है इसके बाद उनका एक और दावा है वो कहते हैं कि हमसे ज्यादा मौतें एलोपैथिक डाक्टरों के हाथ से होती हैं। खैर छोडिय़े इन घिसे-पिटे डाक्टरों की बात, आज हम आपको चिकित्सा की ऐसी तकनीक से रू-ब-रू करवायेंगे कि आपकी तबियत मस्त हो जायेगी।
इंग्लैण्ड की एक युवा महिला डाक्टर हैं, खासी हसीन भी हैं, उनके इलाज करने का तरीका इतना हसीन है कि अच्छा खासा इन्सान हंसते-हंसते बीमार बनने को तैयार हो जायेगा। ये प्यारी और न्यारी डाक्टर अपने मरीज को तन्हा एक कमरे में ले जाती है और उसे सामने बैठालकर अपने वस्त्रों को एक एक कर उतारती जाती है आखरी कपड़ा उनके शरीर से जुदा होने के पहले मरीज चंगा हो जाता है। उनका दावा है कि एक सिटिंग में मरीज की ८० फीसद समस्या खत्म हो जाती है और दूसरी बार में वो पूरी तरह भला चंगा हो जाता है। अपने दावे को पूरी पुख्ता करने के लिए वो बताती हैं कि उक्त प्रक्रिया में मरीज के मन में ऐसी तरंगे उत्पन्न होती हैं जिसका सीधा असर मरीज के मानसिक स्तर पर पड़ता है और इस दौरान कुछ एैसे हार्मोन्स का उत्पादन भी होता है जो मरीज को तरोताजा रखने में मददगार साबित होते है। उनकी इस बात की तस्दीक तो हर शादीशुदा व्यक्ति कर सकता है लेकिन अपने देश के मर्द डाक्टरों की राय उनसे मेल नहीं खाती है वे इसे पूरी तरह प्रचार पाने का फंडा मानकर चल रहे हैं। जहां तक इस मामले में मेरी व्यक्तिगत राय की बात है तो मैं ये कहना चाहूंगा कि उर्सला और हैलट में घसिटने से अच्छा  तो उस महिला डाक्टर का इलाज है।
आपका बेडरूम
शादी के एक साल तक - फूलों और परफ्यूम से महकता है।
दो साल बाद - बेबी पाउडर, क्रीम, लोशन, सूंघता है
१५-२० साल बाद - झण्डू बाम, विक्स आयोडेक्स, का भभका मारता है।1

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