शुक्रवार, 4 मार्च 2011

नारद डाट कॉम

बजट २०११
बंगालियों की खोपड़ी का कोई जवाब नहीं। यहां ये मत समझिये कि इसको छोड़कर उनकी हर चीज का जवाब है। यहां का जादू भी कमाल का है. मुझे यहां की महिलाओं के केश बहुत भाते हैं, बिल्कुल नागिन जैसे बलखाते और काले. कुल मिलाकर मनुष्यों में ये प्रजाति एक दम अदभुत और विलक्षण है. यहां की ममता दीदी भी बेजोड़ हैं. सौरभ गांगुली ने भी क्रिकेट में खासा नाम कमाया है। अब प्रस्तावना खत्म करके दादा की कारीगरी के बारे में बात कर ली जाये. इन्होंने २०११ का आम आदमी वाला बजट पेश किया है। इतना स्वार्थी और मतलब परस्त बजट आजादी से लेकर आज तक शायद ही आया हो। इसमें सारी सुविधायें दादा ने अपने लिये लपेट कर रखी हैं. जो कुछ दिया है साठ के ऊपर वालों के लिये और ८० वालों के लिये तो कुछ मत पूछिये. खुद और सरदार जी २-४ साल में ८० छू ही लेंगे. बाकी जहां तक देश के आम आदमी की बात है वो तो जवानी में ही बूढ़ा हुआ जा रहा है. ५० पार करना खुदा से काम है ८० तो बस सपना भर है. यहां मैं वैज्ञानिकों को शोध के लिये एक विषय देना चाहता हूं. ये नेता लोग इतनी लम्बी उम्र कैसे पाते हैं और वो भी पूरी सेहतमन्दी के साथ. पता नहीं कौन सा ग्राइप वाटर सुटकते हैं जिसको देखो वही ७०-८०-९० पर डेविड स्टाइल में क्रीज पर अड़ा हुआ है. रन बने न बने आउट होने के नाम नहीं लेते हैं. अब तो क्रिकेट विश्वकप में अंपायर के निर्णय को भी चेलेंज करने की पृथा चल गयी है. नेता  लोग भी भविष्य में ज्यादा तबियत खराब होने पर हथेली में उंगली घुसेड़ कर भगवान से कह सकते हैं नाट आउट सर। यमराज को फिर खाते बही चेक करने पड़ेंगे। इस बजट को देखकर ऐसा लगता है कि जब दांत थे तब चने का पता नहीं था और जब चने हैं तो दांत फरार हैं. अब इस देश में बूढ़े ही पैदा होने पर फायदा है अधेड़ और जवान अपना पलस्तर खुद ही उखाड़ेंगे. राहुल बाबा युवाओं को आगे लाने की बात कर रहे हैं और ये युवा लोग जल्दी से जल्दी सठियाना चाहते हैं। बजट में छूट जो लेनी है। भगवान साढ़े सत्यानाश करे इन बुढ़वों का जिन्होंने जवानी स्याह कर दी है।
फिर पिटे!
शहर का एक ख्याति प्राप्त परिवार फिर पिट गया। इस बार इनकी सेवा विदेश में हुई है। इस परिवार के एक पुरुष सदस्य ने वहां की एक महिला के साथ वो कर दिया जो लोग अपनी पत्नी के साथ करते हैं। 1

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें