शनिवार, 14 मई 2011

कोचिंग मंडी

 सर निकले प्रश्न पत्र विक्रेता

मुख्य संवाददाता

हाल ही में ए.ए.ए.आई.ई. की परिक्षाओं का प्रश्न पत्र लीक हो गया। प्रश्न पत्र लीक हो जाने के साथ ही एक बार फिर ए.ए.ए.आई.ई. की परीक्षा संयोजन व्यवस्था की असलियत सामने आई क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब इस परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा होने से पहले ही आउट हो गया है। यह प्रश्न पत्र आउट होने के बाद से इसकी जड़ें कानपुर कोचिंग मण्डी में तलाशी जा रही है। चूंकि मामला बड़ा है इसलिए स्पेशल टास्क फोर्स से लेकर खुफिया तक सब इस मामले को सुलझाने के लिए कानपुर की कोचिंग मण्डी खासतौर काकादेव कोचिंग मण्डी की पूरी व्यवस्थाओं को ही खंगालने में लगे हुए हैं।
दूसरी तरफ पर्चा लीक होने की खबर का खुलासा होने के बाद से मण्डी में स्थापित कोचिंगों के सर अपने आपको इस पूरे मामले से बचाते फिर रहे हैं। पर्चा लीक होने के विषय पर बात करने से तमाम सर और इनकी प्रबन्धकीय व्यवस्था में शामिल हर आदमी खुद को ईमानदार और पाक-साफ बताने के अलावा कुछ भी कहने या बताने में कन्नी काट रहा है। अब प्रश्न यह उठता है कि जब पूरी कोचिंग मण्डी पाक-साफ और दूध की धुली हैै तो पर्चा लीक होने की तलाश आखिर कानपुर कोचिंग मण्डी में हो ही क्यों रही है। इसका उत्तर यह है कि दरअसल खुद को ईमानदार बताकर कोचिंग चला रहे तमाम सर सरासर झूठ बोल रहे हैं। पहली बात तो ये कि ये तमाम सर अध्यापक नहीं, शुद्ध व्यापारी हैं। कोचिंग प्रतियोगिताओं की तैयारियाँ कराने वाले शिक्षण संस्थान नहीं बस इन व्यापारियों केशोरूम हैं। यही वजह है कि ये तमाम सर छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारने के नाम पर अपना व्यापार कर रहे हैं। विशुद्ध व्यापार और प्रतियोगी परिक्षाओं के पर्चे लीक कराने को इन लोगों ने इस कोचिंग व्यापार का एक अहम हिस्सा बना लिया है। ठीक वैसे ही जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं में अव्वल आने वाले प्रतियोगियों की खरीद-फरोख्त करने-कराने में ये कोचिंग सर अपना सारा हुनर दिखाते हैं। सफल प्रतियोगी खरीदे व बेचे जाते हैं।
ए.ए.ए.आई.ई. का पर्चा आउट होने में एस.टी.एफ. की अब तक की तफ्तीश में तीन सरों के नाम सामने आ रहे हैं।
जिनमें सर्वेश विक्रम सिंह सर, कीर्ति सर के अलावा मेडिकल कोचिंग चलाने वाले एक और सर शामिल हैं। कोचिंग मंडी में इन तीनों सरों की अच्छी कमाई है और हजारों छात्रों का एडमिशन भी इनके कोचिंग शोरूम में है। पर्चा आउट होने के प्रकरण में इनकी मिली भगत की आशंकाओं ने इनके क्रियाकलापों और निश्चित सफलता दिलाने के दावों के आधार की हकीकत भी साफ  कर दी है।
एस.टी.एफ. सूत्रों के मुताबिक अभी तक इन तीन सरों के खिलाफ इतने पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं जिनके आधार पर इनके खिलाफ कोई अग्रिम कार्यवाही की जा सके लेकिन जल्द ही पर्याप्त सबूत जुटा लिए जायेंगे। एस.टी.एफ. के मुताबिक पर्चा लीक कराने में इन सरों का महत्वपूर्ण हाथ है लेकिन इस पूरे गोरखधन्धे में ये सर सीधे तौर पर शामिल नहीं होते हैं। इस पूरे काम को अंजाम इनसे मोटी रकम पाने वाले इनके गुर्गे ही देते हैं। इसके पहले अभी कुछ समय पहले बी.एड. परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद भी कानपुर की कोचिंग मण्डी को इसी तरह खंगाला गया था। इस प्रकरण में कोचिंग मण्डी में वर्षों से स्थापित सर जी.डी.वर्मा का नाम आया था लेकिन बाद में जाँच टीम से साँठ-गाँठ कर जी.डी. वर्मा ने यह पूरा ठीकरा अपने भाई मंटू वर्मा के सिर पर फोड़ दिया था और खुदको इस पूरे मामले से अलग करने में कामयाब हो गये थे।
ए.ए.ए.आई.ई. का पर्चा लीक होने के बाद मामले को सुलझाने में लगी टीम ने एक बार फिर जी.डी.वर्मा को ही अपना निशाना बनाया लेकिन वर्मा जी पहले से ही सचेत थे। सूत्रों के मुताबिक इन तीनों सरों का सुराग भी जी.डी.वर्मा पर कसे गए शिकंजे का ही परिणाम है। फिलहाल तो एस.टी.एफ. अभी इन्हीं तीन कोचिंग सरों के इर्द-गिर्द ही अपनी जाँच कर रही है लेकिन उम्मीद जतायी जा रही है कि जल्द ही इन तीन सरों के अलावा भी कुछ और नए कोचिंग व्यापारी सर इस मामले में बेनकाब होंगे।1

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