शनिवार, 28 मई 2011

नारद डाट कॉम

तूने मैंने...सुनी 

अब पूरा ब्रह्माण्ड सुनेगा, अमरवाणी को. देश की सर्वोच्च अदालत को धन्यवाद. अब लोग जानेंगे कि हमारे माननीय लोग हमाम में कैसे लगते हैं. इनका सादा टिनोपाल धुल जायेगा. बचेगी तो सिर्फ कालिख. वैसे मेरी जानकारी के अनुसार इनकी सीडी पिछले ५ सालों में ब्लू फिल्म की तरह सुनी गई. लोग चुपचाप इसे सुनते थे और पूरी मौज लेते थे. अब आम आदमी सुनेगा. मुन्नी बदनाम होकर रहेगी, शीला भी लाज नहीं बचा पायेगी. अब तो इस पर सीरियल भी बन सकता है एकता कपूर जरूर कुछ बनाने का मन बना रही होंगी. उनके लिये गरमा-गरम मसाला मिल गया है. ऐसी मसालों से उनके सीरियल घर-घर में तुलसी का पौधा बन गये हैं. सास बहू से लगाकर नौकर-नौकरानी सब तस्कीन से इसका मजा लेंगे. इसके बाद हो सकता है कि अमर की बी.सी. पर कुछ लगाम लग जाये. जिन्होंने इस सीडी को पहले सुना है उनका मानना है कि इस पर रोक हटानी तो चाहिये थी लेकिन इसे सिर्फ वयस्कों के लिये करना चाहिये था. बढ़ती उम्र के बच्चे इसे सुनकर बौरा सकते हैं या फिर इसे दोहराने की भूल भी कर सकते हैं. महिलायें तो इससे दूर ही रहें तो बेहतर रहेगा. पास रहने की हिमाकत घर से दूर कर सकती है फिर अमर की ही शरण में जाना पड़ सकता है. बाद में वो भी ऐसी किसी सीडी का हिस्सा बन किसी अदालत में कैद हो सकती है. बाबू  साहब को चाहिये कि पूर्वांचल की मांग छोड़ इस सीडी को पेटेंट कराने की बात करें. अरबों रुपये की कमाई हो सकती है. इस समय देश का हर आदमी इस सीडी के लिये पगलाया हुआ है बिना समय खोये इसे सुनना चाहता है. केन्द्र और राज्य सरकारों के लिये  ये बेहतर मौका है इस सीडी पर कोई नया कर लगा दे. खाली खजाने भरने में देर नहीं लगेगी. बीपीएल कार्ड धारकों के लिये इसे टैक्स फ्री रखा जाना चाहिये. प्राकृतिक नियम के अनुसार मौज पर सबका अधिकार है. मौज ही मौज फकीरों की ऐसी तैसी रहीसों की.
खम्बा बचा के
एक आदमी की पत्नी कोमा में चली गई. लोग समझे मर गई है. अन्तिम संस्कार के लिये जब ले जा रहे थे तो अर्थी खम्बे से टकरा गई और वो औरत उठ बैठी. दो साल बाद वो वास्तव में मर गई. जब अर्थी सड़क पर चल रही थी तो सब लोग राम नाम सत्य है कह रहे थे लेकिन उसका पति... खम्बा बचा को, खम्बा बचा के कह रहा था.




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