शनिवार, 9 जनवरी 2010


अरबपति चुट्टा !


इन दिनों शहर में चुरुवे गदर मचाये हुए हैं. मौका लगते ही ससुर का माल समझकर हाथ साफ कर देते हैं. पुलिस मौसी का लड़का समझ हाथ पर हाथ रखे बैठी रहती है. ये साले विलायती स्टाइल से माल उड़ा रहे हैं. बाकायदा बड़ी गाड़ी लेकर चलते हैं और पलक झपकते ही काम तमाम. मैं उन चोरों की स्टाइल पर शोध कर ही रहा था कि बीच में मुझे अनेक लंबी गाडिय़ों वाला अरबपति चुरुवा मिल गया. मेरा दावा है कि २०१० क्या २०५० में भी आपको इतना कुलीन, क्लीन, कमीन, चोर नहीं मिलेगा. अब आपके चुल्ल मची होगी उसके बारे में जानने के लिए. बस पल भर का सब्र करिये, मैं उसकी कुण्डली बांचने ही वाला हूं.ये करमजला और बदमैला इसी गंगा तट पर जन्मा है. कसम गंगा की पूरा अरबपति है. आप चाहें तो आयकर विभाग से तसदीक कर सक ते हैं. गाड़ी, घोड़ा, बंगला, औरत (दर्जनों), नौकर सब हैं इसके पास. माह पूर्व इसने अपने सुपुत्र की शादी में खुले आम नोटों में माचिस लगाई. अपनी कुलवधू को उडऩ खटोले पर सवारी भी कराई. इतना सब कुछ भगवान की कृपा से होते हुए भी चोर नंबर एक का है. शहर भर के सारे चोर, उठाई गीर, जेब तराश जितनी रकम दस साल में भी नहीं उतार पाते हंै इसने एक झटके में उस्तरा चला दिया. इसने अपने ही बाजार के १५-२० लोगों का करीब ४० करोड़ रुपया बिना डकारे पचा लिया. इतना करने के बाद पैसा वापस न करना पड़े, इसके लिए एक अखबार के मालिक के लटक गया है. जिन बेचारों का पैसा है वो इसके महल के इतने चक्कर लगा चुके हैं कि दर्जनों जोड़ी जूते नमस्ते कर चुके हैं. थक-हारकर इन सभी लेनदारों ने अपने घिसे हुए जूतों की एक माला बनाई है वो मौका तड़कर इनके गले में पहनाने की तैयारी में है. लोगों के ये कहने पर कि जूतों का उपयोग चांद पर क्यूं नहीं किया तो बोले वहां खेती साफ है मारने से कोई लाभ नहीं है इसीलिए पहनाने का निर्णय लिया गया है. ऐसा अरबपति चुट्टा शायद ही कभी आपने देखा हो. तगादगीरों को पैसा मांगने पर जवाब बड़ा मजेदार देता है, कहता है कि जो तुमने मुझे माल सप्लाई किया था वो ठीक नहीं था और उससे मेरा दम निकल गया तो ऐसे में ये काहे के पैसे.जमाना बदल गयाकोई पत्थर से न मारे मेरे दिवाने को।२०वीं सदी है-बम से उड़ा दो साले को।।1

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