शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

सी0 बी0 आई 0
राजनीति की रखैल
बुधवार, 26 मई 2010 राजनीती की मण्डी में सी0 बी0 आइ0 रंडी की ओकात रखती है. पिछले कुछ वर्षों से केंद्र की संप्रग सरकार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के पीछे हाथ-मूंह धोकर पड़ी थी. वहीँ मायावती ने भी कांग्रेस को कोसने में कोई कमी नहीं की थी. फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि सभी विपक्षियों के केंद्र सरकार के विरूद्ध खड़े होने के तुरंत बाद मायावती अचानक पलटा मार कर कांग्रेस के पक्ष में खड़ी हो गयी और संप्रग सरकार की सभी नीतियों को ठीक बताया.उससे पूर्व भी सन 2007 में परमाणु समझोते में जब सरकार को महसूस होने लगा कि वामपंथी दल इस समझोते में उसका समर्थन नहीं करेंगे तो अचानक मुलायम सिंह ने सरकार के साथ सहमती जता दी, ओर संप्रग सरकार को समर्थन दे दिया। सरकार के साथ सहमती जता दी, और संप्रग सरकार को समर्थन दे दिया.इसी प्रकार बोफोर्स के आरोपी व सोनिया गाँधी के मित्र क्वात्रोची को भी संप्रग सरकार ने क्लीन चिट दे दी.पिछली सरकार में लालू प्रसाद यादव संप्रग सरकार के साथ थे, उनके विरूद्ध कई घोटालों के मुक़दमे चल रहे थे तथा फैसला भी आने वाला था कि अचानक उस न्यायधीश का तबादला हो गया जो लालू के केस को देख रहा था. तथा इन्कमटेक्स के ऑफिसरों की मीटिंग में सारा का सारा मामला ही ढीला कर दिया गया. लालू को संप्रग सरकार के समर्थन का इनाम मिल गया.ये सारे के सारे मामले यूं तो देखने में अलग अलग है, किन्तु इनमे दो बातें कॉमन हैं.1..संप्रग सरकार 2..सी0 बी0 आइ0 उपरोक्त सभी मामले संप्रग की सरकार में सी0 बी0 आई0 के हवाले थे. देश में कोई भी घोटाला हो तो सी0 बी0 आई0 से जांच कराने की मांग उठती है. जनता समझती है कि सी0 बी0 आई0 निष्पक्षता से जांच करेगी. किन्तु क्या कभी ऐसा होता है?सी0 बी0 आई 0 के एक पूर्व निदेशक का कहना है कि क्वात्रोची को क्लीन ची देना बिल्कुल गलत था क्योंकि उसके विरूद्ध पूरे पुख्ता सबूत सी0 बी0 आइ0 के पास मोजूद थे। अभी हाल ही में उन्होंने यह भी कहा है कि सी0 बी0 आई0 अपने से कुछ भी तय नहीं कर सकती है . किस मामले को दबाना है, तथा किस को गर्माना है , यह सब सरकार ही करती है. अब देखिये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री मायावती को आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में पहले सी0 बी0 आई0 से कहलाया गया कि उसके खिलाफ पूरे सबूत हैं. लेकिन मायावती के संप्रग के पक्ष में बोलते ही सी0 बी0 आई0 ने कह दिया कि केस में कोई दम ही नहीं है.यही 2007 में मुलायम सिंह यादव व उसके परिवार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. परमाणु समझोते में वामपंथियों के सरकार के साथ नहीं रहने पर मुलायम ने सरकार का समर्थन किया और जिस कोंग्रेसी नेता ने इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की सी0 बी0 आई0 जाँच की मांग की थी, अपनी याचिका वापस ले ली.वहीं दूसरी ओर सी0 बी0 आई0 लोकप्रिय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरूद्ध कुछ ज्यादा ही सक्रीय नजर आ रही है. गोधरा हत्या काण्ड के बाद के दंगे हों या फिर सोहराबुदीन मुठभेड़ ,गुजरात सरकार व नरेंद्र मोदी को रोज ही घेरा जा रहा है. जबकि पुरे देश को पता है कि सोहराबुद्दीन एक आतंकवादी था तथा दाउद का पुराना सहयोगी रहा है.वहीं छात्तिसगड़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर विधायकों की खरीद के पर्याप्त सबूत जुटाने पर भी सी0 बी0 आइ0 उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाई. आंध्र के पूर्व इसाई मुख्यमंत्री पर हजारों करोडो की संपत्ति कहाँ से आई, उसने मंदिरों में आये दान का रुपया चर्चों को दान में क्यों दिया? इन सभी मामलों में सी0 बी0 आई0 कहाँ गायब हो गयी?सी0 बी0 आई0 का जितना दुरूपयोग इन्द्रा गाँधी ने किया, वैसा ही दुरूपयोग यह संप्रग सरकार कर रही है. सरकार का ये कार्य निसंदेह राष्ट्र विरोधी है. सी0 बी0 आई0 का कार्य किस प्रकार होता है यह अपने आप में एक कटु सत्य है. सी0 बी0 आइ0 एक सरकारी संस्था है इसलिए यह सरकार के इशारे पर ही कार्य करती है.स्पष्ट रूप से संप्रग सरकार सी0 बी0 आई0 का दुरूपयोग अपनी सरकार को बचाने में तथा अपने विरोधियों को धुल चटाने के लिए कर रही है .सी0 बी0 आई 0 की स्थिति राजनीती में रखैल की तरह हो गयी है, जिसमें दम है वह उसे अपने पास रख ले. यदि सी0 बी0 आई0 के साख को बचाना है तो उसे स्वतंत्र कार्य करने के लिए छोड़ देना चाहिए. किन्तु क्या हो सकेगा? यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है. 1 नवीन त्यागी

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