शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

प्रथम पुरुष
हँस कर बुलाओ सेहत को
डा. रमेश सिकरोरिया
अशिष्ट तरीके से हसना बना गया मदन कटारिया को लाफ्टर योगा क्लब का गुरु इस प्रणाली ने तमाम लोगों को बिना मतलब हँसना सिखाया. क्योंकि इससे आनन्द मिलता है जब कि हमारे चारों ओर भयानक चीजें हो रही हैं. इससे तुह्मारा बचपन बाहर आता है. बच्चे सोच कर नहीं वरन हर बात पर हँसते है. हँस सकते हैं ऐसी हँसी आप अधिक उम्र तक सम्भव रह सकते हैं. अधिक कुशलता से काम कर सकते हैं उनको मोटो है हो-हो-हा-हा दुनिया में उन्होंने इस प्रकार के १०००० लाफ्टर क्लब स्थापित किये हैं. भारत में ६००० केवल बंगलूर में २००१ उनकी लय है बहुत अच्छे बहुत अच्छे ई, ई. उनके क्लबों में दुश्मन भी साथ-साथ हंस रहे हैं. तेहरान में जेरुसलम में, पेलिस्टानी और इजरायली, सिंगापुर के मिनिस्टरी में शिकागो के कैंसर अस्पताल में. गूगूल और आईबीम के कार्यालयों में. वे एक सत्र के १०००० से १५००० डालर लेते हैं. लेकिन सामाजिक सेवा के लिये नहीं उनका कहना है काम को गम्भीरता पूर्वक लो परन्तु अपने को नहीं. वे इस कार्य के लिये बंगलूर में विश्वविद्यालय बनाना चाहते हैं. उन्होंने निराश व्यक्तियों को दवाई से मुक्त कराया लाफ्टर क्लब, लाफ्टर परिवारों का रूप ले रहे हैं. यह रक्तचाप करता है. आपको सहज बनाता है. शान्ति स्थापित करता है. उनका कहना है कि पहले हँसी की नकल करो धीरे-धीरे यह सच्ची हँसी बन जायेगी. लाफ्टर क्लबों में लोग नमस्ते करते, काफी बनाते, मिर्च खाते, चेहरे पर क्रीम लगाते, बाते करते, मोबाइल पर, अंगुली दिखाते, बिना दात के, हँसते हैं जब तक आंखों में आँसू नहीं आ जाता हैं. वे पागल नहीं हैं वे पूर्ण आनन्द उठा रहे हैं. महसूस कर रहे हैं.
ईगो-अहं मनुष्य में जाना जा सकता है यदि वह-१. दूसरों को कन्ट्रोल करना चाहता है.२. अपने कार्यों को दूसरों के द्वारा सहमत कराना चाहता है.३. दूसरों की जांच करता है जज की तरह.४. बीता हुआ समय पास्ट इतिहास हिस्ट्री है.५. आने वाला समय भविष्य रहस्य मिस्टरी है.६. वर्तमान ही सत्य है.
देशवासियों की हड्डियां कमजोर हैं-- विश्व में हड्डियां टूटने की संख्या भारत, चीन एवं ऐशिया के देशों में तिगुनी हो गयी है.- ४.४ लाख प्रतिवर्ष कूल्हे की हड्डी टूटती है २०२० तक ६ लाख कूल्हे टूटेंगे.- भारतीयों में १५ प्रतिशत हड्डी के मिनरल तत्व कम हैं. १०-२० वर्ष पहले ही हड्डी टूटने लगती है.- शहर में ८० प्रतिशत भारतीयों में विटामिन डी की कमी है. अधिकतर दफ्तरों में काम करने वालों में.- ५ करोड़ में हड्डी टूटने की सम्भावना है.- २४.८ प्रतिशत की हड्डियां टूटी हैं, २१ प्रतिशत की ठीक हैं ५४.३ प्रतिशत की कमजोर हैं (५० से ८० वर्ष के व्यक्तियों में).- स्त्रियों में ४२.५ प्रतिशत टूटने लायक, ९.८ प्रतिशत में ठीक, ४४.९ प्रतिशत में कमजोर.
हड्डी टूटने के मुख्य कारण-- कमजोर दृष्टि.- यदि उठने-बैठने में अधिक समय लगता है या मदद की जरूरत होती है.- शाकाहारी भोजन में प्रोटीन, विटामिन डी एवं कैल्शियम की कमी.- चाय या काफी का अधिक सेवन.- शराब और धूम्रपान के कारण हड्डियों के ठोस में कमी.- अधिक व्यायाम या कम भोजन हड्डियों की गठीलापन कम करता है २० से कम बॉडी मास.- ज्यादा या अधिक समय तक दवायें खाने से लम्बी बीमारियों में.- १०००-१३०० मिग्रा प्रति दिन कैल्शियम के जगह हमें केवल २००-६०० मिग्राम लेते हैं.- ओसटियोपोरोसिस से बचा जा सकता है यदि हम ३० वर्ष तक अपनी हड्डियों को अच्छी जीवन शैली से सुद्धढ़ बना लें.1 (लेखक पूर्व स्वास्थ्य निदेशक हैं)

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