सोमवार, 13 सितंबर 2010

आसान नहीं बलात्कार की गुथ्थी

सब कुछ हो सकता है लेकिन एक छत के नीचे पड़े आधा दर्जन बिस्तरों में से किसी एक पर पड़ी कराह रही किसी टूटी-फूटी लड़की के साथ बलात्कार नहीं हो सकता. इन परिस्थितियों में बलात्कार हो सकता है लेकिन गन-प्वाइंट पर. वह भी काम वासना के लिए नहीं बल्कि दुश्मनी निकालने के लिए, किसी को तबाह करने के लिए, बेइज्जत करने के लिए. और अगर ऐसी परिस्थितियोंं में काम वासना के लिए रेप होगा तो 'शिकारÓ को बेहोश या असहाय किये बगैर नहीं होगा. 'गन प्वाइंटÓ पर रेप हुआ नहीं है यह पक्का है. इंजेक्शन की बात 'बलात्कारÓ की आशंका में तो सामने नहीं आई है, हां, हत्या की आशंका में जरूर सामने आयी. अब अगर नशे या बेहोशी के इंजेक्शन किसी भी नियत से कविता के नसों में अतारे गये होते तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जरूर आते. लेकिन पोस्टमार्टम में ऐसा कुछ नहीं है. तो प्रश्न उठता है कविता के कपड़ों पर वीर्य कहां से आया और यह किसका है. बस इस बिंदु की सही जांच-पड़ताल ही चांदनी में कविता के साथ बलात्कार और बलात्कारी की सच्चाई को सामने ला सकती है.1

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