शनिवार, 18 जून 2011

फिर 'खूनी सड़क' बनाने की तैयारी

 किसी भी विकसित सड़क के दोनों तरफ  फुटपाथ और फिर उसके साथ नाली होती है . किसी भी ख़ास सड़क के विकास के लिए इतनी ही दरकार होती है. यदि संभव हो सके तो इन सभी के साथ कुछ वृक्षारोपण होता है. जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण योजना के तहत  कानपुर में हुए विकास की गंगा में कानपुर दक्षिण भी नहाया है. यहाँ भी कानपुर के पॉश मुहल्लों की तरह सभी जगह खुदी सड़कें देखकर यहाँ के बाशिंदों की आत्मा को शान्ति मिलती है. बहुजन समाज पार्टी की सरकार होने के बावजूद शहर में आये इस समाजवाद से सभी समान रूप से त्रस्त हैं.
 अब बात करते हैं, एक ख़ास सड़क की. यशोदा नगर से टाट-मिल चौराहे तक की सड़क, जिसे कुछ साल पहले तक 'खूनी सड़क' कहा  जाता था. बड़े-बड़े गड्ढे और उनके बीच तैरते से चलते ट्रक, बस, टेम्पो,  लोडर, हाथ-ठेला और भैंसा-ठेला के बीच से  निकलने का प्रयास करते दोपहिया वाहन . पैदल यात्रिओं के लिए कोई स्थान नहीं था. उस समय इस सड़क से यात्रा करने वाले लोग  बिना किसी ख़ास तैयारी के मौत के गाल में समाते जाते थे. प्रति दिन होने वाले हादसों के कारण इस सड़क प्रत्येक समाचारपत्र इस सड़क की रिपोर्टिंग की ख़ास तैयारी करता था. समय बदला और देश-प्रदेश का निजाम भी बदला. सड़क के भी दिन बदले.पर पूरी तरह से नहीं. ढाई सौ फीट चौड़ी सड़क में मुख्य मार्ग के अतिरिक्त दोनों तरफ नाली,फुटपाथ,ग्रीनबेल्ट, फिर नगर निगम का नाला और फिर दोनों तरफ सर्विस लेन की योजना थी.   नयी विकसित सड़क में मुख्य सड़क के बाद फुटपाथ भी बनाया गया.पर नाली गायब हो गयी. सड़क के स्तर पर ही बने फुटपाथ को ट्रक मालिकों और ट्रांसपोर्ट मालिकों ने ट्रक पार्किंग बना रखा है.
पहली फोटो शारदा गेस्ट  हॉउस  के ठीक सामने की है. इस जगह पर सदा से जल-भराव रहा है. इस जगह से यशोदा नगर बाईपास तक की कुल एक किलोमीटर तक की सड़क के निर्माण और विकास  में  इसका कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसी तरह से दूसरी फोटो इसी सड़क में बगाही कूड़ाघर के विपरीत तरफ  की है. यहाँ भी यही समस्या है. ट्रांसफार्मर लगभग जमीन पर ही रखा है और चारों तरफ से पानी से घिरा है.इस प्रकार जल-भराव और यातायात के दबाव के चलते इस सड़क को फिर से 'गड्ढा सहित खूनी सड़क' में तब्दील करने की साजिश है, जिससे एक बार फिर टेंडर और ठेकेदारी के द्वारा आम जनता की जेब का पैसा बर्बाद किया जा सके. मुख्य सड़क का जलभराव प्रशासनिक अधिकारिओं की निष्क्रियता का परिचायक है.लाखों रुपयों से बनी इस सड़क की देख-रेख के जिम्मेदार नगरनिगम के जोन-3 के प्रभारी अनूप बाजपेयी ने इस समस्या से अनभिज्ञता जताते हुए, इस समस्या को दिखवाने का आश्वासन दिया है.1
 हेलो संवाददाता

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