सोमवार, 27 जून 2011

क्राइस्ट चर्च कालेज

शिक्षा नहीं सम्पत्ति है विवाद की मूल जड़

गरीब बच्चों के पढऩे के लिये दान दी गई जमीनों पर कानपुर में क्राइस्ट चर्च कालेज की स्थापना की गई थी. भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में इस कालेज और इसके छात्रों का अविस्मरणीय योगदान रहा है. वर्तमान में कालेज में अव्यवस्था और अफरातफरी का माहौल है. ऐसा नहीं कि यहां शैक्षणिक स्टाफ की कमी है या फिर उनमें योग्यता नहीं. ऐसा भी नहीं कि यहां विद्यार्थियों की कमी है. नये छात्रों की आवक भी जारी है. छात्र-छात्राएं प्रतिदिन नये सत्र में प्रवेश के लिये कालेज के चक्कर काट रहे हैं. परन्तु कालेज के प्रबन्धन को कब्जियाने के बहाने बनाये गये दो प्रिंसिपल और उनके अलग-अलग प्रवेश फार्मों में से किस को वैध माना जाये? किस प्रकार प्रवेश पायें? विद्यार्थियों मे से किसे विश्वविद्यालय वैध मानेगा. अध्ययन कर अपना भविष्य निर्मित करने आये विद्यार्थियों का भविष्य प्रबन्धन के मालिकाना हक के विवाद में क्षत-विक्षत हुआ जा रहा है.
अल्पसंख्यक प्रबन्धन वाला क्राइस्ट चर्च कालेज विगत दो-तीन वर्षों से लगातार खबरों में सुर्खियां बढ़ा रहा है. कभी यहां के दो अध्यापक बर्खास्त कर दिये जाते हैं तो कभी कालेज के आफिस में ताला डाल दिया जाता है और कभी डा. परवेज डीन की शराबबाजी चर्चा का विषय बन जाती है. विवाद की तह पर जाने पर ज्ञात होता है कि मालरोड जैसी सड़क के किनारे स्थित इस कालेज की अरबों की भूमि पर अब नजर लग गयी है. यह काम प्रबन्धन पर कब्जा करने के साथ ही किया जा रहा है. बताया जाता है कि डा. परवेज डीन आगरा डायोसिस (एडीटीए) संस्था के बनाये हुये प्राचार्य है जबकि सोसायटी रजिस्ट्रार के पास इस नाम की संस्था रजिस्टर्ड ही नहीं है. दूसरी तरफ जिस संस्था का रजिस्ट्रेशन है वह है लखनऊ डायोसिस (एलडीटीए) इसे एंग्लिकन चर्च द्वारा स्थापित किया गया था. इस संस्था द्वारा डा. फिलोमिना रिचर्ड्स को प्रिंसिपल घोषित किया गया, जिन्हें वर्तमान में बरामदे से अपनी प्रिंसिपली चलानी पड़ रही है.
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इस प्रिंसिपली के विवाद की जड़ वे जमीनें हैं जो कालेज से सम्बद्ध हैं. समय-समय पर काबिज प्रबन्धन एडीटीए संस्था की जमीनों को औने-पौने में बेचा जाता रहा है. आज इन सम्पत्तियों में व्यापारिक केन्द्र स्थापित किये गये हैं. वेस्ट काट स्कूल के बगल वाली जमीन पर निर्मित बाला जी काम्पलेक्स संस्था की ऐसी अवैध गतिविधि का परिणाम लगतजा है. क्राइस्ट चर्च कालेज के ऐतिहासिक छात्रावास के कमरों की छतों में छेद कर न रहने योग्य बना दिया गया. इस प्रकार उसे भी बेचने की तैयारी है. नाम न छापने की शर्त पर कालेज के कर्मी बताते हैं कि प्रिंसिपल डा. परवेज डीन कभी भी राष्ट्रीय पर्वों तक में झंडारोहण नहीं करते हैं. आम शहरियों का मानना है कि देश और देश के कानून व प्रतीक चिन्हों का निरन्तर अपमान कर ऐसे ऐतिहासिक शैक्षणिक संस्थान पर काबिज व्यक्ति के इरादों पर अंकुश लगाने का काम प्रशासन को तत्काल करना चाहिये.१
हेलो संवाददाता 

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