सोमवार, 27 जून 2011

बड़े से छोटा और छोटे से बड़ा बनाया जाता चौराहा

 कानपुर दक्षिण का एक मुख्य चौराहा किदवईनगर का चौराहा सुन्दरीकरण के नाम पर खोद दिया गया है. यह चौराहा कानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर आने-जाने  वाले ट्रकों और शहर आने-जाने वाली रोडवेज बसों की आवाजाही का केन्द्र है. भारी वाहनों के साथ-साथ दोपहिया वाहनों, कारों और टैम्पो-टैक्सी सहित पैदल यात्रियों का आना-जाना इस चौराहे पर रातो-दिन बना रहता है. लगभग दो लाख से अधिक वाहन और लगभग दस लाख आबादी प्रतिदिन इस चौराहे से गुजरती है. जिसकी समस्या इस खुदे चौराहे से और बढ़ जाती है.
विगत ९ जून की रात एक जेसीबी के माध्यम से किदवईनगर चौराहे के सेंटर पोल के चारो तरफ दो  फीट से अधिक गहरी खुदाई शुरू कर दी गई. खुदाई के बाद निकली मिट्टी-रोड़े को तब से आज तक पड़े रहने दिया गया. उसकी सुरक्षा के लिये लगाये गये बांस-बल्ली स्वयं ही कमजोरी का शिकार हैं. अर्थात नाम मात्र के लिये ही लगे हुये हैं. इस बड़े व्यास के गड्ढे के कारण चौराहे का शेष मार्ग बहुत छोटा हो गया है और शेष जगह भी खुदाई से निकली मिट्टी और निर्माण सामग्री से अतिक्रमित है. लोगों का आना-जाना दूभर है.
आईआईटी कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डा. विनोद तारे का कहना है भारी वाहनों के गुजरने वाले चौराहे छोटे और कम व्यास के गोले होते हैं. इसी नियम का पालन देश-दुनिया में किया जाता है. कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे इस अनियोजित विकास की घोर भर्तस्ना करते हुये युवा ट्रांसपोर्टर कंवल गांधी का कहना है एक अच्छी खासी सड़क और चौराहे का सत्यानाश कर दिया गया है. आम जनता में इससे खासा रोष है.1
हेलो संवाददाता

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