शनिवार, 6 फ़रवरी 2010

यूपी के पेट पर मुम्बई की लात

सरकार ने अस्पतालों की सफाई का ठेका मुम्बइया कंपनी को दिया

ठाकरे परिवार मुम्बई से उत्तर भारतीयों को भगाने में जुटा है. पूरा देश पागल हो गये इस परिवार की निंदा कर रहा है. लेकिन हमारी उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई तिलमिलाहट अभी तक जाहिर नहीं हुई है. हां! हेलो कानपुर को खबर जरूर लगी है कि माया सरकार ने पूरे प्रदेश भर के अस्पतालों में साफ-सफाई करने वाले गरीब-गुरुआ अधिकांश दलितों की रोजी-रोटी पर लात मारकर मुम्बई की एक कम्पनी को माला-माल करने का कुचक्र रचा है. इस माला-माली में स्वास्थ्य विभाग के मंत्रियों में भीतरखाने जमकर खींचा- तानी मची हुई है. कायदे से यह काम स्वास्थ्य मंत्री अंटू मिश्रा के नेतृत्व में होना चाहिए लेकिन यह टेंडर बाजी, ठेके बाजी, सौदे बाजी के अगुआ बन गये परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा. अनुराग अवस्थी 'मार्शलÓकी रिपोर्ट

मुम्बई से भले ही उत्तर प्रदेश और बिहार वाले भैय्या मारकर भगाये जा रहे हों, उत्तर प्रदेश के अस्पतालों की सफाई, सुरक्षा और स्वास्थ्य कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने मुम्बई की एक फर्म को अधिकृत कर दिया है, वह भी येनकेन प्रकारेण नियम कानूनों को किनारे करके. इसे लेकर प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों में अधिकारों और बजट की रस्साकशी शुरू हो गई है.प्रदेश के अस्पतालों में सुरक्षा, सफाई और स्वास्थ्य कार्यों में सहायता के लिए जिले स्तर पर अभी तक कॉन्ट्रेक्ट दिये जाते थे. संविदा द्वारा ये फर्में जिला अस्पतालों में वर्कर सप्लाई किया करते थे. सफाई के इस कार्य के बजट की व्यवस्था एनआरएचएम से होती थी.इन सफाई कार्यों को यूपीएचएसडीपी संस्था द्वारा कराया जाता था. डीजी स्वास्थ्य आरआर भारती से अभी तक विभिन्न जिलों में छोटी-छोटी एजेंसियां उत्तर प्रदेश के बेरोजगार लड़कों को रोजगार देकर कार्य कराया करती थी. मण्डल स्तर पर इन ठेकों को आमंत्रित किया जाना था. रातों-रात निर्णय बदल गया और एनआरएचएम क ेइस पैसे को परिवार कल्याण में ट्रान्सफर कर दिया गया. परिवार कल्याण के डीजी, जीबी प्रसाद ने पूरे उत्तर प्रदेश के लिए मे०एएलएल सर्विसेज अन्डर वन रूफ इन्डिया प्लाट नंबर एजी-३ इंडस्ट्रियल स्टेट विलेज फहादी नगर गोरे गांव ईस्ट मुम्बई को अधिकृत कर पूरे उत्तर प्रदेश में सीएमओ और सीएमएस को पत्र लिख कर उपरोक्त फर्म से सफाई कार्य कराने को कहा गया है. कम्पनी को अधिकृत करने से पूर्व टेन्डर मंगाये गये. स्थानीय छोटी फार्मों को लड़ाई से बाहर करने के लिए हाउस कीपिंग में पैंसठ करोड़ रुपये के टर्न ओवर की अनिवार्यता की शर्त रखी गई. मुम्बई की तथा कथित फर्म भी जब इस शर्त को पूरा नहीं कर पाई तो अगर-मगर के साथ उसको अन्य फर्मों के साथ मिलाकर टर्न ओवर पूरा दिखा दिया गया. टेन्डर प्रक्रिया में शामिल ए-टू-जेड, मैक्स, इन्ड्स आदि ने इसका विरोध भी किया लेकिन उसे दरकिनार कर दिया गया. इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख कर रहे ज्वाइन्ट डायरेक्टर जीपी साही से जब हमने फोन पर सम्पर्क किया और जल्दबाजी में टेन्डर एप्रूव करने सम्बन्धी विभिन्न अनियमितताओं की बावत पूछ-तांछ की तो उन्होंने डीजी से सम्पर्क का सुझाव दिया. डीजी प्रसाद से सम्पर्क का काफी प्रयास किया गया. ऐसी ही एक संस्था सन फैसेल्टी सर्विसेज के आरके तिवारी बताते हैं कि हमने लेन-देन और धोखाधड़ी के इस मामले को मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंचा दिये हैं. सूत्रों ने जानकारी दी है कि अभी मात्र मार्च तक के लिए इस कम्पनी को अधिकृत किया गया है. अधिकांश जगहों पर या तो पहले से काम कर रही स्थानीय एजेंसियों को बाहर कर रही यह कम्पनी काम संभालने लगी है या डेली वेजज के जो लोग काम कर रहे हैं उन्हीं के काम को अपन काम दिखाकर कागजी खानापूरनी कर लेगी. सारी तैयारी करोड़ों रुपये के बजट के बन्दरबांट की है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो अधिकारों और विभागीय बंटवारे की यह लड़ाई माया दरबार में पहुंच चुकी है. देखना यह है कि शह और मात के इस खेल में अंटू और बाबू में कौन जीतेगा और कौन हारेगा?कानपुर नगर के सीएमओ अशोक मिश्रा ने बताया कि हमारे संज्ञान में न तो इस तरह का कोई आदेश है और न ही कम्पनी ने हमें सम्पर्क किया है. इतना जरूर है कि जिला अस्पतालों से कम्पनी ने सम्पर्क साधा है. उर्सला के सीएमओ प्रभारी श्री जीके तिवारी ने बताया कि अभी तो वही लोग सफाई में लगे हैं जिन्हें उर्सला प्रशासन ने नियुक्त किया था. जब कम्पनी के लोग आ जायेंगे तो उन्हें काम सौंप दिया जायेगा. व्यवस्था परिवर्तन की जानकारी उन्हें है.1

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