सोमवार, 14 दिसंबर 2009

क्या आप बनेंगे एमएलए!

८ दिसम्बर का दिन. राहुल गांधी से मिलने जाने वालों की लंबी लाइन लगी थी. मौका था कानपुर में युवा उद्यमियों से मिलने का और उन्हें राजनीति से जोडऩे का. स्थान था सिविल लाइन स्थित रागेन्द्र स्वरूप हॉल, जहां राहुल गांधी युवा उद्यमियों से मिलने आ रहे थे. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जब राहुल गांधी आकर बैठे तो पूरा हाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा. उसके बाद युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तनवर ने हाल में बैठे युवा उद्योगपतियों को बताया कि किस तरह एक उद्योग पति होने के बाद राजनीति से जुड़े और राजनीति में सफलता दर्ज कर १९९८ में एमएलए का चुनाव जीता. राहुल गांधी जैसे ही माइक पर आये, उन्होंने पहला वाक्य कहा, मेरे पास आप लोगों के लिए सवाल हैं. उन्होंने वहां बैठे एक व्यक्ति से पूछा आपका नाम क्या है? जवाब आया संजीव. राहुल ने कहा, संजीव क्या आप सोच सकते हो कि आप लीडर बन सकते हो, जवाब था नहीं. इसके बाद राहुल अपनी बात कहते हुए बोले कि आप युवा उद्यमी हो आप सभी के लिए राजनीति के द्वार खुले हैं. उसके बाद उन्होंने यह भी बताया कि आज एक विशाल युवा संगठन की जरूरत है जो देश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभा सके. मुझे इस बात का दुख है कि आज सिर्फ ३० से ४० प्रतिशत वोटिंग होती है. यह कहते हुए उन्होंने श्रोताओं के सामने फिर प्रश्नों की गेंद उछाली और पूछा कि आप में से कितने लोग हैं जिनके रिश्तेदार राजनीति में हैं? जवाब में ६-७ हाथ ऊपर उठे. आप में से कितने लोग हैं जिनके रिश्तेदार राजनीति में नहीं हैं? जबाव में पूरे हॉल में बैठे श्रोताओं के हाथ ऊपर उठ गये. उसके बाद पूछा कितने लोगों ने राजनीति में अपना परचम लहराया है? जवाब में एक भी हाथ नहीं उठा, राहुल ने कहा चलो मैं ही अपना हाथ उठाये देता हूं. राहुल की बातों से साफ नजर आ रहा था कि वे युवा शक्ति को कांग्रेस शक्ति बनाना चाहते हैं और उनके कानपुर आने का प्रमुख कारण भी यही था. वह चाहते हैं युवा कांग्रेस में अधिक से अधिक युवा न सिर्फ जुड़ें बल्कि कांग्रेस को सुदृढ़ बनायें. अपनी मां सोनिया गांधी के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर कानपुर आये राहुल गांधी ने जैसे ही वहां बैठे युवा उद्यमियों से प्रश्न पूछने हेतु आमंत्रित किया. श्रोताओं ने सवालों की ऐसी झड़ी लगाई कि कुछ समय के लिए राहुल गांधी बिल्कुल शांत हो गये. उनको देखकर ऐसा जान पड़ रहा था कि मानो उन्होंने कानपुर से सवाल पूछने को कह कर गलत पंगा ले लिया है. सवालों के हाथ हॉल में इतने अधिक उठ रहे थे कि उन्हें सवालों के घेरे से यह कहकर निकलना पड़ा कि मेरी फ्लाइट मिस हो जायेगी.1

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