सोमवार, 21 दिसंबर 2009

जिन्दगी के

स्थान पर मौत


बच्चों के हाथ में किताब होनी चाहिए परंतु उन्हें बन्दूक पकड़ाई जा रही है. विश्व में लगभग ढाई लाख बच्चे बन्दूक पकड़ कर लड़ रहे हैं. दुनिया के ४७ देशों में वे वहां के हथियार बंद समूहों में शामिल हैं. इनमें पाकिस्तान, श्रीलंका, कांगो, इराक, अफगानिस्तान और गाजा पट्टी प्रमुख है. शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन इत्यादि से वंचित मूलभूत सुविधाओं का लालच देकर और धार्मिक भावनायें भड़काकर इन्हें युद्ध में ढकेल देते हैं. इन देशों में अशांति, बम, विस्फोट एवं सैनिक कार्यवाही होने के कारण तमाम अनाथ बच्चों को युद्ध में ढकेल दिया जाता है. युद्ध में घायल होने पर विकलांग होने पर कोई पूछने वाला नहीं होता. मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकता है. भोजन देने के लिए बन्दूक पकड़ा देगा. जिन्दगी के स्थान पर मौत दिलवा रहे हैं बच्चों से. मानव अधिकारों के लिए सभी तरीकों को ठीक ठहरा रहा है. पुराना तरीका है भूखा रखो, नंगा रखो, घर न बनाने हो और फिर बन्दूक पकड़ाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कराओ. लोगों की लाशों पर मौज करो.हम कितने ढोंगी हैं आज सादगी और मितव्यता बरतने के आदेश हुए तो भारत सरकार के एक मंत्री ने कहा पांच सितारा होटल के प्रतिदिन का एक लाख रुपए का खर्चा वे स्वयं भरते हैं, दूसरे मंत्री ने कहा हवाई जहाज के इकनामी क्रॉस जानवरों के बैठने का क्रॉस है, तीसरे मंत्री ने कहा जब हम विदेशों में जाते हैं तो वहां हमें पांच सितारा होटल में ठहराया जाता है यदि हम वहां के मंत्रियों की ऐसी आवभगत नहीं करेंगे तो हमारी शान घटेगी. राहुल गांधी ने शताब्दी की चेयर कार में चलकर सुरक्षा की समस्या खड़ी कर दी. हमारे मंत्री और राजनेता गरीबी हटाने में असफल रहे तो अब गरीबों का विश्वास (वोट) लेने के लिए गरीबों की कुछ क्रियायें करने का ढोंग कर रहे हैं. तुम कुछ खाओ, कुछ पहनो, कहीं ठहरो परंतु गरीबी हटाने का अपना वायदा पूरा करो अपने काम से अन्यथा तुम ढोंगी हो. गरीबी को ऊंचा उठाया गया है. यही हमारी गरीबी का कारण है हमसे कहा गया है कि गरीब होना बुरी बात नहीं है, संतोष करो तुम्हें भगवान मिलेंगे. धन कमाने में बुरी बातें सीख जाओगे और बुरे काम करने पड़ेंगे.1


खाद्य पदार्थों में आपको जहर खिला रहे हैं


*आम को कैल्शियम कार्बाइड से पका रहे है. यह वही रसायन जिसे बम बनाने में इस्तेमाल करते है उसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस होता है जो ऐसी ऐसीटिलीन गैस पैदा करता है और फलों को तेजी से पकाता है परन्तु उसमें जहर घोलता है. *दुध में यूरिया, डिटर्जंेंट और खाद्य तेल मिला रहे हैं. *सब्जियों में कीटनाशक मिला रहे हैं. बनावटी रंगों से रंग रहे हैं ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन से उनका आकार बढ़ाा रहे हैं. * देशी घी में जानवरों की चर्बी हड्डियों का चूरा और खनिज तेल मिला रहे हैं. वनस्पति घी में स्टेरिन मिला रहे है. *मिठाई में इस्तेमाल होने वाला पिस्ते में मूंगफली के दाने काट कर रंग कर मिला रहे हैं. *यह सब जहर आप खा रहे हैं. फल ,सब्जी दूध, मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थों के साथ अधिक धन कमाने की लालच में किसानों से लेकर व्यापारियों ने मिलावट करना शुरू कर दिया है. और वे आम आदमी को जहर खिलाने में न तो हिचकिचाते हैं और न ही बुरा मानते हंै. परन्तु सरकार को तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करनी चाहिये. वे आम आदमी को जहर देकर मृत्यु की और ढकेल रहे हैं अत: उनको इस अपराध के लिए मृत्यु दंड देना ही न्याय होगा और खाद्द पदार्थों में जहरी मिलावट को रोक सकेगा. अब तो सरसोंं के तेल में साबुन बनाने वाला तेल, रंग और सुगन्ध मिला रहे हैं. यह तो कुछ उदाहरण है मसालों में , चीनी में, नमक में पानी में भी मिलावट है. आप कैसे मिलावट रोकेंगे सोचिये कुछ करिये.1(लेखक पूर्व स्वास्थ्य निदेशक हैं)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें