सोमवार, 28 दिसंबर 2009

हर बीमार घर की

कहानी है गन्दगी



हमारे केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि यदि गन्दगी का नोबेल प्राइज होता तो भारत को मिलता. अच्छा होता वह यह भी स्पष्ट कर देते कि इसका उन्हें गर्व है या शर्म. बात तो ठीक है क्योंकि दुनिया के २१५ गटरों के सर्वे में हमारा १७७वां स्थान है. हमारे २५ शहर दुनिया के सबसे गंदे शहरों की लिस्ट में हैं देश का सबसे साफ शहर चण्डीगढ़ भी इस लिस्ट में १४४ स्थान पर है. कारण तो हमने ढूंढ़ लिये हैं. प्लास्टिक बैगों का इस्तेमाल , नदियों में मूर्ति विसर्जन करना, नगरों में निकलने वाले कूड़े का समुचित डिस्पोजल न होना. घर-घर से कूड़ा बटोरने की स्कीम लागू नहीं हो पा रही है,कहते हैं कि साधन नहीं है. हम गन्दगी फैलाते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर पाते हैं. कभी भी पेशाब, शौच या थूक देते हैं. उद्योग २१ लाख टन वेस्ट खुले में फेंक देता है. अस्पतालों के कचरे के डिस्पोजल का भी समुचित प्रबंध नहीं है. कूड़ेदान होते हुए भी हम कूड़ा उसके बाहर डाल देते हैं. जन शौचालय इस्तेमाल करने लायक नहीं है. कहते हैं कि यह भ्रटाचार के कारण है. सबसे बड़ा प्रश्न है कि हम इन कारणों को दूर क्यों नहीं करते. हमारी राजनैतिक इच्छा नहीं है. हमारे जीवन में सफाई का स्थान बहुत नीचे है. राजनेता तो वायदा करेंगे बाद में वायदा न पूरा करने का होश हमीं पर मढ़ देते हैं. धर्म को हमारे ऊपर जबरदस्ती न करने का बहाना बतायेंगे. ठीक भी है हमको व्यवस्था मिलती है जिसके लायक हम हैं. सफाई को जब हम स्वयं प्राथमिकता देंगे तभी हमें सफा वातावरण मिलेगा अन्यथा उड़ीसा का सुकिंदा और गुजरात का वायी शहर विश्व के सबसे प्रदूषित शहर बने रहेंगे. गन्दगी के कारण घर-घर में बीमारियां बस गई हैं. हम उस दिन का इन्तजार कर रहे हैं. जब हमें सड़क पर चलने के लिए कूड़े के ऊपर से चलना पड़ेगा.



मानक के अनुसार पानी का प्रयोग



पानी चाहे पीने का हो या नहाने का दोनों के मानक होते हैं. यदि मानक के अनुसार नहीं है तो प्रयोग करने से शरीर को हानि होगी. पीने के पानी के मानक का तो काफी प्रचार होता है परंतु नहाने के पानी का नहीं. इसलिए आम जनता इसमें सावधानी नहीं बरतती है. नहाने वाले पानी में डीओ अर्थात घुली हुई ऑक्सीजन ५ मिग्रा प्रति लिटर से कम नहीं होना चाहिए. उस पानी की बीओडी अर्थात ऑक्सीजन की जैविक एवं रासायनिक आवश्यकता तीन मिग्रा से अधिक नहीं होना चाहिए एवं उस पानी की पीएच अर्थात तेजाब और अलकली की मात्रा ६.५ से ८.५ होनी चाहिए. अब इसका ध्यान रखें हर तरह के पानी में डुबकी न लगायें.1



विश्व की सबसे ऊंची इमारत



दुबई में विश्व की सबसे ऊंची इमारत 'बुर्जÓ दुबई ४ जनवरी २०१० को खुल जायेगी. इसकी ऊंचाई ८१८ मीटर है. इसमें ८०० अपार्टमेंट हैं जिनमें ३५००० लोग रह सकते हैं. १४४ फ्लोर है. एक नाइट क्लब है कार्यालय, व्यवसायिक कमरे हैं. दुनिया में सबसे तेज चलने वाली ५४ लिफ्ट हैं. यह दुनिया की बेमिसाल इमारत है. गर्व की बात है कि इसमें १४००० भारतीय काम कर रहे हैं. २६२५ फीट की ऊंची इमारत ६ वर्षों में बन गई केवल १३२५ दिनों में. इसकी शक्ल एक सिरिंज की तरह है इसमें दुनिया का सबसे ऊंचा फब्बारा भी है. इसको बनाने वाली टरनर इंटरनेशनल कम्पनी में भी भारतीय विशेषज्ञ काम कर रहे हैं. इसको इमार ने प्रमोट किया. इसकी एक-एक इंच प्रारम्भ के कुछ ही हफ्तों में बिक गई थी. इससे दुबई की अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा जहां मन्दी के कारण २० प्रतिशत जगह खाली हो गई है.1

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