शुक्रवार, 19 नवंबर 2010

नारद डाट काम

ये भी खेल है

कमलेश त्रिपाठी

अभी तक लोग कहा करते थे कि दिल्ली दिलवालों की है. लेकिन अब दिल्ली खेलवालों की हो गयी है. यहाँ बड़े-बड़े खिलाड़ी आये हुए हैं. पता नहीं, कैसे-कैसे खेल दिखा रहे हैं, कोई टांग हाथ में डाल रहा है तो कोई उसका उलट कर रहा है. और बदले में सोने, चाँदी, और जस्ते के तमगे मिल रहे हैं. इससे एक बात तय हो गयी है कि बिना करतब दिखाए सोना, चाँदी समेटना मुश्किल है. आराम से तो रोटी-चटनी ही खाई जा सकती है क्योंकि अभी हाल में रोटी का दाल के साथ तलाक हो गया है. बरसों पुराना साथ एक झटके में टूट गया है. सुना है कि रोटी ने नमक के साथ रिश्ता जोड़ लिया है.मद्य सेवन के चलते मेरी याददाश्त थोड़ी कमजोर हो गई है. बात चल रही थी खेल की और मैंने दाल पेल दी. इस देश के मिडिल क्लास की यही समस्या है. रोटी-दाल भैरव घाट तक उसे पिछियाते रहते हैं. हाँ! जरा अब दिल्ली में चल रहे खेल पर आइए, यहां खेल गाँव में 6 वेन्डिंग मशीनें सरकार ने लगवाई थीं और हर एक में तीन-तीन हजार कंडोम थे. यहाँ गणित का एकिक नियम लगाएं तो कुल मिलाकर 18000 कंडोम थे. और यह तीसरे ही दिन अंर्तध्यान हो गये. अब इसके आगे का एकिक नियम आप खुद लगाइये कि वहां क्या और किस गति से हुआ होगा? अब यहाँ सवाल यह उठता है कि इतना लोकप्रिय खेल कॉमनवेल्थ में शामिल क्यों नहीं किया गया? क्या एक इनडोर स्टेडियम वयस्कों के लिए नहीं बन सकता था? खेल की तीव्रता मापने के लिए मशीनें बाहर से क्यों नहीं मंगवार्इं? हो सकता है कि मशीन बनाने वाली कंपनी कमीशन देने को तैयार न हुई हो, इसके चलते आयोजन समिति ने इस खेल को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया हो. आज नहीं तो कल कलमाड़ी साहब को इसके जवाब जरूर देेने पड़ेगें. इस बाबत जब मैनें आरटीआई के तहत केन्द्रीय खेल मंत्रालय से जवाब-तलब किया तो निम्न बातें खुलकर सामने आर्इं- इस खेल की लोकप्रियता हम लोग पहले से नहीं भांप पाये अन्यथा इसे सीडब्लूजी में जरूर शामिल करते. अगर ओलम्पिक खेलों की मेजबानी भारत को मिली तो हम ये चूक नहीं करेंगे. कमीशन मिलने न मिलने की बात निराधार है. जब सारे सप्लायरों ने भरपूर पैसा दिया है तो ये कैसे बच सकते थे? इस खेल को मनोरंजन कर से मुक्त कराने के लिए हम प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क में हैं. इस तरफ हमारी बुद्धि खींचने के लिए आपको साधुवाद खेल मंत्रालय की तरफ से.संता - डाक्टर से- मैं बहुत परेशान हूँ मेरे यहाँ हर साल बच्चा पैदा होता है.डाक्टर- कंडोम का प्रयोग किया करो.अगले साल- संता डाक्टर से- मेरे यहाँ फिर बच्चा हो गया. डाक्टर- पूरे घर को कंडोम बाँट दो.उसके अगले साल- संता डाक्टर से- फिर बच्चा पैदा हो गया.डाक्टर- तू अब एक काम कर मोहल्ले वालों के लिए कॉमनवेल्थ गेम वाली वेन्डिंग मशीन घर के बाहर लगवा दे.

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