शुक्रवार, 19 नवंबर 2010

नारद डाट काम

पुलिस का डॉगी

कमलेश त्रिपाठी

गैर जानकारों के लिये सूचनार्थ: पुलिस में कुत्ते भी होते हैं. इनका कार्य सूंघ - सूंघ कर चोर उचक्कों का पकड़वाना होता है. पिछले हफ्ते पुलिस का एक कुत्ता झुण्ड बनाकर घूमने वाले आवारा कुत्तों से टकरा गया. आपस में खूब भौंका -भौंकी हुई. पुलिस का कुत्ता बोला- अबे साले! अवारा कुत्तों, शहर में धारा-१४४ लगी हुई है. और तुम लोग सार्वजनिक स्थान पर ५ से ज्यादा संख्या में इक_े होकर एक निरीह कुतिया के पीछे पड़े हो.अभी तुम्हारे पिछवाड़े पर एक लात मारकर हवालात की हवा खिलवाता हूं. आवारा कुत्ते तो आवारा ठहरे. बोले, सुन बे पुलिस के पालतू डॉगी! हम तेरे अरदब में आने वाले नहीं हैं. अपनी खलीफाई थाने में ही दिखाना. जहां तक एक सिंगल कुतिया का सवाल है, तो हम लोगों के यहां भी इंसानों की तरह मादा भ्रूण का कत्ल किया जा रहा है. कुछ दिन बाद आदमियों की भी यही दशा होने वाली है. एक के पीछे दर्जनों टहलेंगे. आपस में बतियाते-बतियाते पुलिस के कुत्ते और सड़कछापों में प्रेम भाव जाग्रत हो गया. कुत्तों के झुण्ड ने पुलिस वालेसे कहा यार तुम्हारी एक बात समझ नहीं आई. हर घटना के बाद घूम फिरकर तुम थाने में आकर क्यों खड़े हो जाते हो? अरे मूर्खों आवारागर्दी करते -करते तुम लोगों की अक्ल मारी गई है. हम लोग पुलिसवालों से इतर सही तफ्तीश करते हैं. न तो हम लोग रिश्वत खाते हैं और न ही गलत काम करते हैं. दरअसल हर जुर्म का केन्द्र पुलिस थाना ही होता है तो मुझे न चाहकर भी वहीं खड़े होना पड़ता है. अच्छा दोस्त एक बात बताओ जैसे हम लोग सड़कों पर पत्तेचाटी करते हैं तुम्हे तो शानदार खाना जैसे गोश्त रोटी बिरयानी सब मिलता होगा. शुरूआती दौर में तो मिलने वाले भोजन से मैं सन्तुष्ट रहता था लेकिन अब मुझे भी पत्तेचाटी की लत लग गई है. यह इस विभाग की महिमा है जैसे पुलिस की पगार कितनी भी बढा दी जाए, ये ऊपर का माल खाये बगैर गुजारा नहीं कर सकते हैं. अच्छा एक बात बताओ रिटायर होने के बाद तुम क्या करोगे? तुम्हारे झुण्ड में शामिल होकर कामशास्त्र में निपुणता हासिल करूंगा. चूँकि पुलिस में ऐसी कोईव्यवस्था नहीं है. थोड़े समय के बाद आवारा कुत्तों ने देखा कि एक मरियल खजहा टाइप का बिरादरी वाला सामने से आ रहा है. थोड़ी देर बाद पंूछ नीचे दुबकाये सामने आकर खड़ा हो गयाऔर बोला आज मुझे स्वर्ग और नर्क में फर्क पता चल गया है. अब किसी भी जन्म में पुलिस की नौकरी नहीं करूंगा. योग गुरू रामदेव इन दिनों कुछ सरके हुए लग रहे हैं, कहते हैं कि भ्रष्टाचारियों को फंासी दो. अरे बाबा जल्लाद और रस्सी दोनों कम पड़ जायेंगे लेकिन इनकी कमी नहीं पड़ेगी.1

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