शनिवार, 2 अप्रैल 2011

नारद डॉट कॉम

इक लामबाजी की जै जै
शब्द जरूर उर्दू का है लेकिन है बहुत गूढ़। इसका मतलब ठीक से समझने के लिये आपको गायक मुकेश का एक नग्मा गुनगुनाना पड़ेगा। बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं। बस इसी जगह आपको इस शब्द का अर्थ समझना पड़ेगा। आप जरूर सोच रहे होंगे मैं इकलाम बाजी जैसे उर्दू के शब्द के पीछे हाथ धोकर क्यूं पड़ा हूं? दरअसल इसका हिन्दी हरफ थोड़ा सा अश्लील प्रकृति का है वैसे आम बोलचाल की भाषा में इसका उपयोग लोग धड़ल्ले से करते हैं। पराठा शब्द भी इसका पर्याय है और सभ्य भाषा में इसे लोग समलैंगिक भी कहते हैं, अंग्रेजी में 'गे' के रूप में जाना जाता है। इतनी लम्बी प्रस्तावना बनाने के पीछे मेरे पास इसकी ठोस वजह है। एक अमेरिकी लेखक ने उदाहरण सहित एक सनसनीखेज खुलासा किया है उसने महात्मा गांधी  को समलैंगिक बताया है सबूत के तौर पर दो लोगों के नाम भी दिये हैं। बड़ी अजीब बात है बापू को स्वर्ग सिधारे वर्षों बीत गये हैं फिर ऐसी ओछी बात करना सिर्फ प्रचार पाने का एक घटिया तरीका भर समझ में आ रहा है। फिर अगर ये मान भी लिया जाये कि महाविद्वान ये अमेरिकी कथाकार सही और प्रमाणिक बात कर रहे हैं तो मैं एक बात पूरे दावे से कह सकता हूं कि बापू के दूसरे पार्टनर इस कथाकार के नाना या दादा जरूर रहे होंगे। दूसरों के बारे में अभद्र बातें करने वाले लोग कम से कम अपनों को तो छोड़ ही देते हैं लेकिन अंग्रेजी संस्कृति की भली चलाई ये कोई रिश्ते-नाते मानते कहां हैं? इन महान लेखक का नाम आप जरूर जानना चाहेंगे, ये हैं थामस बेवर और इनकी किताब का नाम है 'गोइंग नेटिवÓ। किताब के कुछ अंश पढऩे के बाद मुझे लगा कि महोदय कुछ सरके हुये भी हैं उन्होंने बापू के ऊपर कुछ महिलाओं के साथ भी घनिष्ठ सम्बन्ध होने की बात कही है। अगर बेवर साहब की माने तो बापू ने पूरे जीवन में सिर्फ एक ही काम किया है, बस पुरुषों और औरतों से जिन्दगी की डोर जोड़ते रहे। खैर कोई बात नहीं पगलों के इस संसार में महापगलों का क्या कहना?
कितने आदमी थे?
गब्बर के पैदा होते ही उसकी मां ने उसे ३-४ कंटाप जड़ दिये।
नर्स ने पूछा बहिन जी ये क्या कर रही हैं?
अरे ये मुआ पूंछ रहा है कितने आदमी थे?1

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