शनिवार, 22 जनवरी 2011

नारद डॉट कॉम

भोजन का दर्शन

यहां दर्शन से मेरा मतलब शुद्ध रूप से फिलास्फो से है. भगवान कृष्ण पहले से जानते थे कि आदमी की आने वाली पीढिय़ां खबोड़ किस्म की हो सकती हैं,  वो भी इतनी कि प्रधानमंत्री तक उसकी इस वाहियात हरकत से विचलित हो सकते हैं. इसलिये उन्होंने गीता में साफ-साफ गणेश जी से लिखवा दिया था कि मानव मात्र को भोजन बेहद सूक्ष्म मात्रा में करना चाहिये, जिससे उसके प्राणों की रक्षा को सके. गीता में बिहारी जी ने अमीर-गरीब का वर्णन कहीं नहीं किया है. लेकिन ये कलयुगी भगवान करने लगे हैं. दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्री उर्फ प्राजी उर्फ प्राइम मिनिस्टर महोदय गरीबों के ज्यादा खाने से खासे दुखी हैं. उनका मानना है कि गरीब सारा खाना खाये जा रहे हैं यहां तक कई बार उन्हें भी भूखे पेट सोना पड़ता है. इसके चलते वो शारीरिक रूप से काफी शिथिल हो चुके हैं. ऐसे में मानसिक स्थिति क्या होगी आसानी से समझा जा सकता है?
मन्नू भाई जी (मनमोहन सिंह का निकनेम) आपसे ऐसा बोलने की उम्मीद नहीं थी. सड़ैला बोलने के लिये पवार साहब आलरेडी आपके पास हैं फिर आप ऐसा उवाच करने के लिये कष्ट क्यूं करते हैं? फिर आपके पास कलमाड़ी जैसे महाखबोड़, राजा जैसे महानोचू बैठे हैं तो आप गरीब जनता की ओर काहे को ताक रहे हैं? ताकना ही है तो अपनी ओर देखिये, फिर भी बात न बने तो दर्पण में निहारिये, सब पता चल जायेगा कि पेटू कौन है? गरीब आदमी या आपके ये कारिन्दे. ये तो बिना डकारे और बिना हवा सरकाये सब खाये जा रहे हैं. एक  अंग्रेजी की कहावत है कि ए ग्रुप आफ डंकीज लीड बाय ए लायन कैन डिफीट व ग्रुप आफ लायन्स लीड बाय ए डंकी. ये बड़ी बात मैं बना के नहीं कह रहा इसे सुकरात जैसे महान दार्शनिक ने कहा था. वैसे भी काम अच्छे न भी हों बाते तो कम से कम अच्छी की  ही जा सकती हैं. देश के लोग खासकर जिनकी बातें आप लोग तोते की तरह रटते रहते हैं वो आपकी बातों से मर्माहत हैं. उनका कहना है कि ये सच है कि हम गरीब कुछ ज्यादा खाते हैं चूंकि खेतों और कारखानों में पसीना हमारा बहता है मेहनत भी कुछ ज्यादा करते हैं, हो सकता है इसके चलते दो-एक रोटी ज्यादा पेट में चली जाती हो लेकिन आप भद्र लोग अपनी दावतों में जितना बर्बाद करते हैं उससे हम गरीब कम ही खाते हैं. अब लोगों को पता चला है कि दुनियां भर के हंसोड़ लोगों को गुदगुदाने के लिये आप लोगों का इस्तेमाल क्यूं करते हैं?
बैंकों में...
प्याज और लहसुन लोन लेने के लिये सिक्यूरिटी की तरह प्रयोग किये जा सकते हैं. इसको रखने के लिये लाकर की सुविधा है. यह सुविधा शरद पवार के कृषिमंत्री बने रहने तक ही उपलब्ध रहेगी.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें