सोमवार, 3 जनवरी 2011

नारद डाट काम
हैप्पी न्यू इयर
कमलेश त्रिपाठी
नये साल की शुरुआत मैं बुरी खबर से करने का आदी रहा हूं और वही करने की तैयार भी है. समाचार बोस्टन विश्वविद्यालय से है. वहां के वैज्ञानिकों ने ठोस दावा किया है कि वातावरण का इन्सान के ऊपर इतना गहरा असर पड़ता है कि उसमें जेनेटिक परिवर्तन आने लगते हैं. उदाहरण के तौर पर यदि आप लम्पटों के मोहल्ले में रहते हैं तो आपकी आने वाली पीढिय़ां निश्चित तौर पर महान लम्पट होंगी. इस खबर के बाद से मेरी चिंता बढऩा स्वभाविक है. कल के कानपुर की तस्वीर जेहन में आते ही रक्त चाप अस्थिर होने लगता है. चोरों के इस शहर की आने वाली नस्ल क्या और कैसी होगी आसानी से समझा जा सकता है. इंजीनियर केडीए वाले जैसे होंगे और डाक्टर चांदनी नर्सिंग होम की गुणवत्ता धारण किये रहेंगे. विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा के पीरियड में बलात्कार के गुण सिखाये जायेंगे. पुलिस और कोर्ट कचेहरी की बात सोच कर तो गैस खारिज होने से मना कर देती है फिर उस पर वकील साहबानों का क्या कहना? उनमें अपराधियों के गुण पनपने लगे हैं बजाय कलम के तमंचा चलाने लगे हैं. बस यही सब देखकर मुझे बोस्टन के वैज्ञानिकों की बात में दम नजर आ रहा है. अपराधियों की पैरवी करते-करते कुछ ही वर्षों में ये वकील लोग तमंचा चलाने में सिद्घहस्त हो जाते हैं. यहां एक अच्छी खबर ये है कि २,४,१० अभी ऐसे वकील हैं जिन्हें अभी भी कलम चलाने पर विश्वास है. कुल मिलाकर मुझे अब ऐसा लगने लगा है कि खबर का निर्माण किस बुरी चीज से होता है. अगर कोई चीज अच्छी है तो खबर बन ही नहीं सकती है जैसे कोई ये कहे कि पं. बद्रीनारायण तिवारी मानस संगम करवाते हैं तो लोग कहेंगे कि ये भी कोई खबर है. हां इसी जगह कोई ये बताये कि पंडित जी परसों लैंडमार्क में मुर्गे की टांगें खींच रहे थे तो लोग इस बात में मुर्गा खाने से ज्यादा लुत्फ उठायेंगे. आज लोगों को मुर्गा खाने के बजाय मुर्गा बनाने में ज्यादा आनन्द आता है. नकारात्मकता का प्रतिशत दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. इन दिनों हर मां-बाप अपने बच्चों को इंजीनियर, डाक्टर या आई.ए.एस. बनाना चाहता है, कोई भगत सिंह आजाद या गांधी बनाने की सोंच भी नहीं सकता है. कारण साफ है उनका हाल देखा और उनके बाद में उनके परिवार का भी. अब जमाना ए.राजा और रानी (राडिया) का है. ऐसे में अगर आने वाली नस्ल में अनुवांशिक परिवर्तन की बात बोस्टन के वैज्ञानिक कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है?1

1 टिप्पणी: