शनिवार, 22 जनवरी 2011

प्रथम पुरुष

समाज में जरूरी है अच्छे व्यवहार का पैमाना 


आप किसी भी समाज में रहें आपको हमेशा यह ध्यान रखना होगा   कि समाज मेंं सभी का स्थान बदल सकता है आपका स्थान दूसरा ले सकता है. समाज में किसी की स्थिति को अधिक धन या कम धन से नहीं नापा जायेगा. पश्चिम के देश या यूरोप के देश इतने आगे इस लिए बढ़ गये क्योंकि उन्होंने अच्छे व्यवहार के पैमाने बनाये और उनका पालन किया.
 उन्होने सबको बराबर का समझा माना और उसी प्रकार का व्यवहार किया जो अपने साथ करवाना चाहेंगे. १८७३ में विक्टोरियान ऐसीकेट (आचरण)पर किताब लिखी गयी. उसका अपूर्व स्वागत हुआ सभी ने पढ़ा उसमें लिखे गये आचरण के तरीकों को अपनाया उसमे सबसे मुख्य बात थी कि आप उनसे कैसे व्यवहार करें जिनके पास आप से कम धन है या निर्धन है प्रो. हिल (लेखक) ने कहा बात करते वक्त कभी भी यह संकेत न  हो कि तुम्हारे पास धन है (पर्याप्त) कम धन वाले के पास साधारण कपड़े (महंगे नहीं) या ऐसा सामान लेकर न जाओ जिससे धनी होने का बोध हो यदि मंहगी कार से जाओ तो उसके घर से दूर खड़ी करो. बातें करते समय ध्यान रखो कि तुम अपना सम्बन्ध महत्वपूर्ण या अमीर व्यक्तियों से न जोड़ो तुम इसका भी विवरण न करो कि तुम विदेश गये हो या पूरा देश  घूम रखा है क्योंकि इससे तुम वास्तव में महत्वपूर्ण नहीं हो जाते. अपने देश या अपने देश की संस्कृति का बढ़ चढ़ कर बखान न करो. स्वयं की तारीफ करने को तो रवीन्द्र नाथ टैगोर ने भी बुरा कहा था इसीलिए वेे राष्ट्रीयता के विरूद्घ थे. अच्छा व्यवहार ही इन देशों में रहने वालों की प्रथम आदत बन गयी और वे आगे बढ़ते गये क्योंकि बराबरी की समझ हमें कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढऩे को प्रेरित करता है.अच्छे व्यवहार ने व्यक्ति को देश के केन्द्र मे रखा अतएव वे वास्तव में कल्याण कारी आधुनिक और समृद्घि  शाली बन गये उन्होने प्रत्येक व्यक्ति की शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता ही क्योंकि वह केन्द्र में था और अब भी है इन देशों में डींग हाकने वाले,अपने धन या दौलत या अपनी शक्ति का बखान करने वाले नहीं मिलेंगे. उनके यहां झिड़कना, डांटना बुरी आदत है. इन देशों में जितने भी महत्वपूर्ण व्यक्ति हुए उनका परिवार साधारण था परन्तु शिक्षा और स्वास्थ्य के कारण जो उन्हें देश की सरकार ने प्राप्त  कराया वे उन्हें शिखर पर पहुंचाया. इन देशों में भ्रष्टाचार नगण्य है शून्य है क्योंकि मध्य वर्ग जो बहुत बड़ा है अच्छा व्यवहार करता है उसकी आदत है. इन देशों के प्रत्येक राजनीतज्ञ मध्यम वर्ग के  पास पहुचते हैं पहुचना चाहते हैं (मजदूर और पूंजीपति के पास नहीं) क्योंकि अच्छा आचरण कल्याणकारी योजनाओं को शक्ति देता है और अन्तत: सभी को मध्यवर्ग ये लाता है जिनकी जीवन शैली लगभग एक सी होती है.
 अमरीका में ३०० मिलियन कारें  हैं  जिनमें ४.७ मि. गरीबी रेखा के नीचे है इनमें २,९००० ऐसे है जिनके पास तीन या अधिक भी है. अमरीका में गरीबी रेखा के मांप दंड के वल भोजन की कैलोरीज पर नहीं आधारित है उसमें घर मकान कपड़ा भी आता है.
सार्वजनिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य मध्यम वर्ग के आच्छे आचरण की देन है और उसके फल स्वरूप देश कल्याणकारी योजनायें को प्राथमिकता देता है. हमारे देश में भौतिक बादता को बढ़ावा दिया जा रहा है अच्छा व्यवहार  पीछे ढकेला जा रहा है फल स्वरूप देश में कल्याणकारी योजनाओं नग्न है या असफल हैं भृष्टाचार चरम सीमा पर है जब तक सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा नहीं मिलेगी कुछ नहीं होगा इसके लिए व्यक्ति को केन्द्र में लाना होगा व्यक्ति को केन्द्र में लाने के लिए अच्छा व्यवहार परम आवश्यक है. कल्याणकारी देश बनना इस सत्य पर आधारित है. 1

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